लाइव टीवी

Delhi School Fee:दिल्ली के पैरेंट्स को बड़ी राहत, प्राइवेट स्कूलों की मंथली फीस में होगी 15% की कटौती 

Updated Jul 02, 2021 | 00:09 IST

Delhi Private School Fee Update:दिल्ली सरकार ने कोरोना महामारी के दौर में गुरुवार को आदेश दिया कि राजधानी के निजी स्कूलों  को अपनी फीस में 15% की कटौती करनी होगी।

Loading ...
प्रतीकात्मक फोटो
मुख्य बातें
  • यदि स्कूलों ने अभिभावकों से इससे ज्यादा फीस ली है तो स्कूलों को वो फीस लौटाना होगा
  • ऐसा ना होने की सूरत में आगे की फीस में एडजस्ट करना होगा
  • यह आदेश उन सभी 460 प्राइवेट स्कूलों के लिए जिन्होंने उच्च न्यायालय में अपील की थी

नई दिल्ली: कोरोना काल में आर्थिक तंगी झेल रहे अभिभावकों को राहत देते हुए दिल्ली सरकार ने सभी निजी स्कूलों को शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में चार्ज किए गए फीस में 15 फीसदी की कटौती करने का आदेश दिया है। उदाहरण के लिए, यदि वित्त वर्ष 2020-21 में स्कूल की मासिक फीस रुपये 3000 रही है तो स्कूल उसमें 15 फीसदी की कटौती करने के बाद अभिभावकों से केवल 2550 रुपये ही चार्ज करेंगे। 

स्कूलों को ये निर्देश दिया गया है कि यदि स्कूलों ने अभिभावकों से इससे ज्यादा फीस ली है तो स्कूलों को वो फीस लौटाना होगा अथवा आगे के फीस में एडजस्ट करना होगा।

बकाया फीस के आधार स्कूल नहीं कर पायेंगे मनमानी

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि कोरोना काल में जब सभी पैरेंट्स आर्थिक तंगी से जूझ रहे है उस दौरान फीस में 15 फीसदी की कटौती उनके लिए बहुत बड़ी राहत होगी। स्कूल मैनेजमेंट पैरेंट्स की आर्थिक तंगी के कारण बकाया फीस का भुगतान न करने के आधार पर स्कूल की किसी भी गतिविधि में विद्यार्थियों को भाग लेने से नहीं रोकेगा।

छात्रों और अभिभावकों के लिए एक बड़ी राहत

उच्च न्यायालय द्वारा प्राइवेट स्कूलों की फीस में 15 फीसदी की कटौती करने का आदेश कोरोना के समय में मुनाफाखोरी और व्यावसायीकरण को रोकने के लिए दिया गया है। दिल्ली सरकार द्वारा निर्देशित यह आदेश उन सभी 460 प्राइवेट स्कूलों के लिए , जिन्होंने उच्च न्यायालय में अपील की थी। इन 460 स्कूलों के अतिरिक्त दिल्ली के बाकी सभी स्कूल दिल्ली सरकार द्वारा फीस संबंधी जारी किए गए पुराने निर्देश का पालन करेंगे। फीस में कटौती कोरोना के समय में सभी छात्रों और अभिभावकों के लिए एक बड़ी राहत है।

सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली सरकार को झटका

गौर हो कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली की केजरीवाल सरकार को झटका लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों के छात्रों से वार्षिक एवं विकास शुल्क लेने की इजाजत देने वाले दिल्ली हाई कोर्ट की एकल पीठ के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। दिल्ली सरकार ने इस एकल पीठ के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार से अपनी सभी दलीलों को हाई कोर्ट के समक्ष उठाने के लिए कहा है। समझा जाता है कि इससे छात्रों पर 25,000 से 35,000 रुपए का बोझ पड़ेगा। हाई कोर्ट ने 31 मई को अपना फैसला सुनाया था जिसे केजरीवाल सरकार ने एससी में चुनौती दी है।

हाई कोर्ट का अपनी एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने से इंकार

गत सात जून को दिल्ली हाई कोर्ट ने अपनी एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने से इंकार किया। केजरीवाल सरकार ने निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों से छात्रों से वार्षिक, विकास शुल्क वसूलने के पीठ के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार अपनी लोकप्रिय योजनाओं के लिए जानी जाती है और वह प्राइवेट स्कूलों को फंड देकर उनकी मदद कर सकती है।

कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को फंड देने की बात कही

न्यायाधीश रेखा पल्ली एवं न्यायाधीश अमित बंसल की अवकाश पीठ ने गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों की एक्शन केमेटी को नोटिस जारी किया और उससे जवाब मांगा। एकल पीठ के फैसले को आप सरकार, छात्रों एवं एक एनजीओ ने चुनौती दी है। कोर्ट ने कहा, 'हम कोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगा रहे हैं।' हाई कोर्ट ने कहा कि उसके फैसले के बारे में विस्तृत फैसला बाद में जारी किया जाएगा।  पीठ ने कहा, 'केवल एक लोकप्रिय सरकार मत बनिए। स्कूलों को भी फंड जारी करिए। उन्हें भी स्कूल चलाने के लिए फंड की जरूरत है।' 
 

Delhi News in Hindi (दिल्ली न्यूज़), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।