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दिल्ली दंगों पर पुलिस की चार्जशीट से हुए खुलासे, सीताराम येचुरी-योगेंद्र यादव समेत कई बड़े नाम शामिल

Updated Sep 12, 2020 | 21:13 IST

दिल्ली में इस साल फरवरी में हुए दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव के नाम सह-षडयंत्रकर्ताओं के रूप में दर्ज किए हैं।

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सीताराम येचुरी
मुख्य बातें
  • दिल्ली दंगों पर पुलिस ने पूरक आरोप-पत्र दायर किया है
  • चार्जशीट में सीताराम येचुरी, योगेंद्र यादव, जयती घोष के नाम सह-षडयंत्रकर्ता के रूप में दर्ज
  • तीन छात्राओं के बयान के आधार पर इनको आरोपी बनाया गया है

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, अर्थशास्त्री जयति घोष, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और कार्यकर्ता अपूर्वानंद, और डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर राहुल रॉय को इस साल फरवरी में हुए दिल्ली दंगों के मामले में सह-साजिशकर्ता के रूप में नामित किया है। इन पर आरोप लगाया गया है कि ये नागरिक संशोधन कानून (CAA) के विरोधी प्रदर्शनकारियों से किसी भी सीमा पर जाकर विरोध करने के लिए कहते थे। सीएए/एनआरसी को मुस्लिम विरोधी बताकर समुदाय में असंतोष फैलाने का काम किया और भारत सरकार की छवि खराब करने के लिए प्रदर्शनों का आयोजन किया।

न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, पूरक चार्जशीट में ये नाम सामने आए हैं। ये 23 से 26 फरवरी के बीच नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुए दंगों पर दायर की गई है। इन दंगों में 53 लोगों की जान गई थी और 581 लोग घायल हुए थे। 97 लोग गोली लगने से घायल हुए थे। 

इन प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों को जेएनयू की छात्राओं देवांगना कालिता और नताशा नरवाल तथा जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्रा गुलफिशा फातिमा जो पिंजरा तोड़ की सदस्य भी हैं, के कबूलनामे के आधार पर आरोपी बनाया गया है। इन लोगों को जाफराबाद हिंसा मामले में आरोपी बनाया गया है। गौरतलब है कि यहीं से दंगे शुरू होकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के अन्य हिस्सों तक फैल गए थे। हालांकि, पुलिस ने स्पष्ट किया है कि मामले में आरोपियों के खुलासे के बयानों की रिकॉर्डिंग के दौरान ये नाम सामने आए थे। पिंजरा तोड़ के संस्थापक सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है, वास्तव में, उन्होंने कबूलनामे वाले बयानों पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है।

चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि कलिता और नरवाल ने दंगों में न केवल अपनी सहभागिता को स्वीकार किया, बल्कि घोष, अपूर्वानंद और रॉय का अपने संरक्षकों के रूप नाम लिया है। इन्होंने कथित रूप से उन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने और किसी भी हद जाने के लिए कहा। चार्जशीट में कहा गया है कि जेएनयू के दो छात्रों ने कहा है कि उन्होंने दिसंबर में दरियागंज विरोध प्रदर्शन और 22 फरवरी 2020 को जाफराबाद रोड ब्लॉक का आयोजन घोष, अपूर्वानंद और रॉय के इशारे पर किया था। 

छात्र और कार्यकर्ताओं ने पुलिस को बताया कि तीनों ने इस्लामिक ग्रुप पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी के साथ समन्वय किया और पिंजरा तोड़ के सदस्यों को सीएए के खिलाफ अभियान को आगे बढ़ाने के लिए सलाह दी। चार्जशीट में दावा किया गया है कि येचुरी और योगेंद्र यादव के अलावा फातिमा के बयान में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट एक्टिविस्ट उमर खालिद और मुस्लिम समुदाय के कुछ नेताओं जैसे पूर्व- विधायक मतीन अहमद, और विधायक अमानतुल्ला खान का उल्लेख है। दस्तावेज का दावा है कि उन्होंने हिंसा के साजिशकर्ताओं का समर्थन किया। पुलिस ने दावा किया कि फातिमा ने कहा कि उसे 'भारत सरकार की छवि खराब' करने के लिए विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए कहा गया था।

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