- पूर्व विधायक जरनैल सिंह को हिंदू विरोधी पोस्ट के लिए AAP की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया गया
- आम आदमी पार्टी एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और किसी भी धर्म का अपमान करने वाले की पार्टी में कोई जगह नहीं है- आप
- जरनैल सिंह पहली बार 2009 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तत्कालीन कैबिनेट मंत्री पी चिदंबरम पर जूते फेंकने के बाद आए थे सुर्खियों में
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने राजौरी गार्डन से पूर्व विधायक जरनैल सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। दरअसल जरनैल सिंह ने 11 अगस्त को एक विवादित फेसबुक पोस्ट करते हुए हिंदू देवी देवताओं पर सवाल उठाए थे। पार्टी ने जरनैल सिंह को कारण बताओ नोटिस भी जारी करते हुए पूछा है कि क्यों ना उन्हें पार्टी से बर्खास्त किया जाए? जरनैल सिंह के इस फेसबुक पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने काफी नाराजगी जताई थी और सीएम अरविंद केजरीवाल से इस मामले में कार्रवाई करने को कहा था।
जरनैल सिंह की सफाई
मामला तूल पकड़ते देख जरनैल सिंह ने भी इस पर सफाई दी और फेसबुक पोस्ट करते हुए लिखा, 'कल मेरा फोन ऑनलाइन क्लास के लिए मेरे छोटे बेटे के पास था। उसने एक पोस्ट कॉपी-पेस्ट कर दी, जो मैंने डिलीट कर दी थी। भगवान के सारे नाम, राम गोविंद केशव सदाशिव सबका में सत्कार करता हूं और गुरु तेग बहादुर जी के सिद्धांतों पर चलता हूं।' जरनैल सिंह के इस बयान का खुद आम आदमी पार्टी के लोगों ने भी विरोध किया था और कहा था कि दूसरे धर्म के अनादर को सहन नहीं किया जा सकता है।
किसी भी धर्म का अपमान करने वाले के लिए कोई जगह नहीं '
आम आदमी पार्टी ने एक बयान जारी करते हुए कहा, 'सिख समुदाय भी उनके बयान से बहुत दुखी है क्योंकि किसी भी समुदाय के खिलाफ ऐसा बयान गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं के खिलाफ है। आम आदमी पार्टी एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और किसी भी धर्म का अपमान करने वाले लोगों की पार्टी में कोई जगह नहीं है।'
कौन हैं जरनैल सिंह
जरनैल सिंह एक पूर्व पत्रकार हैं जो आम आदमी पार्टी के सिंबल पर 2014 का लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। 2015 में उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा और वह राजौरी गार्डन सीट से विधायक चुने गए। बाद में, उन्हें सीट खाली करने के लिए कहा गया था ताकि वह 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में अनुभवी एसएडी नेता प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ चुनाव लड़ सकें। सिंह बादल से हार गए और तब से उन्होंने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी से खुद को दूर कर लिया। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले AAP को कांग्रेस के साथ बातचीत करने को कहा था। सिंह पहली बार 2009 में उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कैबिनेट मंत्री पी। चिदंबरम पर जूते फेंक दिया था।