- राजधानी दिल्ली में 15 अक्टूबर से जनरेटर चलने पर लगी रोक
- दिल्ली में डीजल, पेट्रोल या केरोसिन से चलने वाले सभी क्षमता के जेनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध
- यह आदेश आवश्यक एवं आपातकालीन सेवाओं में इस्तेमाल किए जाने वाले जेनरेटर सेट पर लागू नहीं
राजधानी दिल्ली में पराली का धुआं पिछले कुछ सालों की तरह इस साल भी अपना असर दिखा रहा है और यहां पर दमघोंटू धुएं का असर दिखने लगा है जिसके चलते दिल्ली में प्रदूषण का लेबल (Pollution Label) बढ़ने लगा है और लोगों को ब्रीदिंग दिक्कतें सामने आने लगी हैं।
इस स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 15 अक्टूबर यानि गुरूवार से जनरेटर (Generators) चलने पर रोक लगा दी है। बताया जा रहा है कि इस कदम से प्रदूषण पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है।
दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (Delhi Pollution Control Board) ने गुरुवार से अगले आदेश तक के लिए जनरेटर चलने पर रोक लगाई है क्योंकि माना जाता है कि ये प्रदूषण ज्यादा फैलाता है। क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP) के तहत यह निर्देश जारी किया गया है।
जीआरएपी प्रदूषण रोधी उपाय है जिसे स्थिति की गंभीरता के मुताबिक दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में लागू किया जाता है। इसे 2017 में पर्यावरण और वन मंत्रालय ने उच्चतम न्यायाालय की तरफ से अनिवार्य किए गए पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण के मार्फत लागू करने के लिए अधिसूचित किया था।आदेश आवश्यक एवं आपातकालीन सेवाओं पर लागू नहीं
एक सरकारी आदेश के मुताबिक, 'डीपीसीसी 15 अक्टूबर से अगले आदेश तक दिल्ली में डीजल, पेट्रोल या केरोसिन से चलने वाले सभी क्षमता के जेनरेटर के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करता है। यह आदेश आवश्यक एवं आपातकालीन सेवाओं में इस्तेमाल किए जाने वाले जेनरेटर सेट पर लागू नहीं होगा।' आवश्यक सेवाओं में स्वास्थ्य सुविधाएं, एलेवेटर, रेलवे सेवाएं, दिल्ली मेट्रो, हवाई अड्डे और अंतरराज्यीय बस टर्मिनल तथा नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर की तरफ से संचालित डाटा सेंटर शामिल हैं।
स्थिति जब 'विकट' होती है तो उठाया जाता है ये कदम
दिल्ली एनसीआर में पहली बार 2017 में लागू जीआरएपी उपायों के तहत बस और मेट्रो सेवाओं में बढ़ोतरी करना, पार्किंग शुल्क को बढ़ाना और हवा की गुणवत्ता खराब होने पर डीजल जेनरेटर का इस्तेमाल बंद करना शामिल है। स्थिति जब 'विकट' हो जाती है तो जीआरएपी ईंट-भट्ठे, पत्थर तोड़ने वाली मशीनों और हॉट मिक्स संयंत्रों को बंद करने, पानी का छिड़काव करने, सड़कों को मशीनों से साफ करने और प्राकृतिक स्रोतों से ऊर्जा उत्पादन को ज्यादा से ज्यादा करने की अनुशंसा करता है। 'आपातकालीन' स्थिति में जिन उपायों का अनुसरण करना है उनमें दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश रोका, निर्माण गतिविधियां रोकना और सम-विषम कार योजना को लागू करना शामिल है।