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Local Body Election: दिल्ली-गुजरात के बाद यूपी का सपना, AAP के लिए हकीकत या दिवास्वप्न

Updated Mar 04, 2021 | 16:11 IST

गुजरात और दिल्ली के निकाय चुनाव में मिली जीत के बाज आम आदमी पार्टी का दावा है कि वो यूपी में बीजेपी का सूपड़ा साफ कर देगी।

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गुजरात और दिल्ली में निकाय चुनाव नतीजों में आप को उम्मीद नजर आ रही है
मुख्य बातें
  • गुजरात में सूरत नगर निगम में दूसरे नंबर की पार्टी बनी आप
  • दिल्ली एमसीडी उपचुनाव में आप को शानदार कामयाबी

नई दिल्ली। गुजरात के निकाय चुनाव और दिल्ली एमसीडी के उपचुनाव के नतीजों से आम आदमी पार्टी उत्साहित है और दावा कर रही है कि वो अब पूरे दमखम के साथ यूपी के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उतरेगी। आम आदमी पार्टी का दावा है कि वो बीजेपी का सूपड़ा भी साफ कर देगी। क्या आप का दावा हकीकत में तब्दील हो सकता है या सिर्फ दिवास्वप्न बनकर रह जाएगा। यह बड़ा सवाल है। गुजरात में सूरत नगर निगम और एमसीडी उपचुनाव के नतीजों में आप को कामयाबी मिली है उसके बाद पार्टी के रणनीतिकारों को यकीन हो चला है कि अब यूपी भी दूर नहीं है। 

गुजरात नतीजे से आप की उम्मीद बढ़ी
अब यह समझना जरूरी है कि आम आदमी पार्टी इस तरह के दावे क्यों कर रही है। इसके लिए हमें गुजरात और दिल्ली के नतीजों पर ध्यान देना होगा। गुजरात नगरनिगम चुनाव में सूरत में पार्टी ने कामयाबी की जो कहानी लिखी वो आश्चर्य करने वाली है। आम आदमी पार्टी सूरत नगर निगम में दूसरे नंबर की पार्टी बन गई। यह कामयाबी इसलिए अहम है क्यों कि सिर्फ पांच साल के राजनीतिक लड़ाई में आप ने कांग्रेस को पीछे ढकेल दिया और अपने लिए आगे की संभावना की जमीन तैयार की है। 

दिल्ली नतीजों ने दी धार
गुजरात के साथ बात करते हैं कि दिल्ली की। यहां पर एमसीडी उपचुनाव में मिली जीत के बाद आप के हौसले बुलंद है। लेकिन यहां की जीत पर जानकारों की राय अलग है। बीजेपी अपनी पहले से जीती हुई शालीमार बाग की सीट गंवा चुकी है और उस संबंध में कहा जा रहा है कि 15 वर्ष का एंटी इंकंम्बेंसी फैक्टर काम किया था। इसके साथ ही चौहान बांगर में कांग्रेस की जीत आप के लिए चिंतन की वजह बन सकती है क्योंकि जिस तरह से मुस्लिम समाज के वोट आप से छिटके हैं वो पार्टी के लिए परेशानी की वजह बन सकते हैं। 

अब बात यूपी की
इन दोनों जगहों पर जीत के बाद आम आदमी पार्टी उत्साहित है तो क्या पार्टी यूपी में बंहतर प्रदर्शन कर सकेगी।इसके बारे में जानकारों की राय अलग अलग है। कुछ लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश की जमीनी हकीकत दिल्ली और गुजरात से अलग है। यूपी में आम आदमी पार्टी को बहुत मेहनत करना होगा क्योंकि यूपी की राजनीति में जाति की भूमिका अहम है। इसके अलावा बीएसपी, एसपी की तरह पार्टी के पास मजबूत जनाधार नहीं है। दावों की बात कार्यकर्ताओं में उत्साह के संचार के लिए की जाती है ताकि मनोबल कमजोर ना हो। लेकिन जमीनी स्तर पर आप को काफी मेहनत करनी होगी।

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