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Delhi Vehicles News: दिल्ली में पुराने वाहनों का ऐसे होगा इस्तेमाल, परिवहन विभाग दे सकता है पंजीकरण की अनुमति

Updated Jul 15, 2022 | 13:47 IST

Delhi Vehicles News: राज्य का परिवहन विभाग पुराने वाहनों को स्कूल कैब के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति दे सकता है। इसके लिए पंजीकरण नीति के दिशा-निर्देशों में बदलाव करने पर भी मंथन चल रहा है। मौजूदा वक्त में सिर्फ नए वाहनों को स्कूल कैब के तौर पर पंजीकृत किया जा सकता है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
दिल्ली में स्कूलों में कैब के तौर पर चल सकते हैं पुराने वाहन (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • पुराने हो चुके वाहनों को इस्तेमाल करने के लिए नई नीति
  • वाहनों को स्कूल कैब के तौर पर चलाने की अनुमति
  • 9,000 से ज्यादा वाहन स्कूल कैब के तौर पर पंजीकृत

Delhi Vehicles News: दिल्ली सरकार पुराने हो चुके वाहनों को इस्तेमाल करने के लिए नई नीति अपनाने पर विचार कर रही है। जिसके तहत राज्य का परिवहन विभाग पुराने वाहनों को स्कूल कैब के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति दे सकता है। इसके लिए पंजीकरण नीति के दिशा-निर्देशों में बदलाव करने पर भी मंथन चल रहा है। हालांकि सरकार केवल उन्हीं पुराने वाहनों को स्कूल कैब के तौर पर चलाने की अनुमति देगी, जो उनको लेकर बनाई गई शर्तों के मानकों को पूरा करते हो।

केजरीवाल सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि वह अब स्कूलों के लिए सार्वजनिक परिवहन सुविधा डीटीसी (दिल्ली परिवहन विभाग) बसें मुहैया नहीं कराएगी। इस फैसला को ध्यान में रखते हुए सरकार पुराने वाहनों को स्कूल कैब के तौर पर शुरू करने का विचार कर रही है।

नए वाहनों को स्कूल कैब के तौर पर पंजीकृत

इस बात की जानकारी दिल्ली सरकार के कुछ करीबी अधिकारियों ने दी है। वहीं इस बाबत परिवहन विभाग के एक सूत्र ने बताया है कि मौजूदा वक्त में सिर्फ नए वाहनों को स्कूल कैब के तौर पर पंजीकृत किया जा सकता है। हालांकि, यह बात भी है कि परिवहन विभाग के उचित पंजीकरण के बिना भी स्कूल कैब के रूप पर बड़ी संख्या में वाहनों का इस्तेमाल हो रहा है। विभाग के अनुसार स्कूलों और अभिभावकों ने बड़ी संख्या में अपने बच्चों के लिए वैन और कैब ली हुई हैं।

अभिभावकों ने सरकार से वैकल्पिक सुविधा शुरू करने के लिए कहा

यह वैन और कैब परिवहन विभाग के जरूरी मानकों को पूरा भी नहीं करती हैं। विभाग ने कहा है दिल्ली के अंदर करीब 9,000 से ज्यादा वाहन स्कूल कैब के तौर पर पंजीकृत हैं। जबकि इनकी संख्या ज्यादा होनी चाहिए। आपको बता दें कि हर रोज यात्रियों की बढ़ी संख्या को देखते हुए दिल्ली परिवहन विभाग ने स्कूलों को सार्वजनिक बस सेवा देने से मना कर दिया है। इसके बाद से स्कूल और अभिभावक सरकार से वैकल्पिक सुविधा शुरू करने के लिए कह रहे हैं। जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार पुराने वाहनों को स्कूल कैब के तौर पर चलाने के लिए विचार कर रही है।

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