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दिल्ली चुनाव 2020 : स्टार प्रचारक नहीं बनाए जाने पर संदीप दीक्षित का छलका दर्द, बताई वजह 

Updated Jan 24, 2020 | 15:09 IST

Sandeep Dixit : कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि पार्टी के कुछ नेताओं के साथ उनके गहरे मतभेद हैं और इसीलिए उन्हें दिल्ली चुनाव के लिए स्टार प्रचारक नहीं बनाया गया है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
पूर्वी दिल्ली से सांसद रह चुके हैं संदीप दीक्षित।
मुख्य बातें
  • दिल्ली चुनाव में स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं है संदीप दीक्षित का नाम
  • दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं संदीप, पूर्वी दिल्ली से रहे हैं सांसद
  • दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने उतारे हैं अपने उम्मीदवार

नई दिल्ली : दिल्ली चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में अपना नाम शामिल नहीं किए जाने पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने निराशा जारी की है। दीक्षित ने शुक्रवार को कहा है कि पार्टी के कुछ नेताओं के साथ उनके मतभेद हैं और इसके चलते उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं किया गया। पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस के पूर्व सांसद ने कहा कि जब भी जरूरत होगी वह पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। 

समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में दीक्षित ने कहा कि एआईसीसी के कुछ नेताओं के साथ उनके मतभेद हैं और इसी के चलते उनका नाम स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं किया गया लेकिन इसके बावजूद वह अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए अपने पुराने निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार करेंगे।

कांग्रेस नेता ने कहा, 'मैं दिल्ली चुनावों के लिए कांग्रेस का स्टार कंपेनर नहीं हूं। मुझे दिल्ली के मुद्दों की बारीकी से समझ नहीं है और मैं दिल्ली में पार्टी का बड़ा नेता नहीं हूं। एआईसीसी के जो नेता दिल्ली चुनावों को देख रहे हैं उनसे मेरा गहरा विवाद है। मैं सुभाष चोपड़ा के बारे में बात नहीं कर रहा हूं।'

उन्होंने कहा, 'मैं नहीं सोचता कि चुनाव प्रचार के लिए मुझसे संपर्क किया जाएगा लेकिन मैंने हमेशा से कांग्रेस के लिए काम किया है। जब भी जरूरत होगी मैं पार्टी के लिए काम करूंगा।'

बता दें कि संदीप दीक्षित दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं। गत जुलाई में दीक्षित का निधन हो गया। संदीप ने अपनी मां की मौत के लिए दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको को जिम्मेदार ठहराया था। बताया जाता है कि संदीप का उसी समय से चाको से मतभेद चल रहे हैं। दीक्षित दो बार पूर्व दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं। 

दिल्ली में शीला दीक्षित के निधन के बाद कांग्रेस कमजोर हुई है लेकिन उसे भरोसा है कि अपनी पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यों की बदौलत जनता उसे एक बार फिर मौका देगी। कांग्रेस ने विधानसभा की सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। दिल्ली में 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और नतीजे 11 फरवरी को आएंगे।

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