हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास के बाहर हुई तोड़फोड़ पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि एक संवैधानिक पदाधिकारी के आवास पर हुई घटना बेहद परेशान करने वाली स्थिति है; प्रदर्शनकारियों द्वारा 3 बैरिकेड्स तोड़े गए। कोर्ट ने कहा कि 'बंदोबस्त' के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर की गई स्थिति रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं। आपको अपने कामकाज और बंदोबस्त पर गौर करने की जरूरत है, कुछ भी हो सकता था। सीएम आवास में तोड़फोड़ का मामला 17 मई 2022 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को व्यवस्था की विफलता के कारणों का खुलासा करते हुए एक स्थिति रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया।
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए ASG संजय जैन ने कहा कि जांच जारी है। सीसीटीवी कैमरों के विभिन्न एंग्ल्स की फोरेंसिक जांच की जाएगी और फिर एक उचित तस्वीर सामने आएगी। उच्चतम स्तर पर जांच की जाएगी। यह घटना नहीं होनी चाहिए थी। सुरक्षा की समीक्षा भी की गई है। जांच के तहत सीसीटीवी को सुरक्षित रखा गया है। लोगों की पहचान कर ली गई है और 41ए नोटिस जारी किए गए हैं।
दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमें दिल्ली पुलिस द्वारा जमा की गई स्टेटस रिपोर्ट नहीं दी गई है। वीडियो में देखे गए लोगों को राजनीतिक शक्तियों द्वारा सम्मानित किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के निर्देश दिए थे। लेकिन यहां लोगों ने मुख्यमंत्री के घर के 3 लेवल के बैरिकेड्स तोड़ दिए।
30 मार्च को भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी केजरीवाल की उस टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, जो उन्होंने 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर दी थी। मुख्यमंत्री आवास 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर स्थित है। विरोध प्रदर्शन 30 मार्च को सुबह करीब 11.30 बजे शुरू हुआ। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि उचित व्यवस्था की गई थी, लेकिन कुछ 15-20 प्रदर्शनकारी फ्लैग स्टाफ रोड तक पहुंचने में सफल रहे। पुलिस ने कहा था कि उन्हें तुरंत हटा दिया गया। पुलिस ने कहा था कि दोपहर करीब 1 बजे कुछ प्रदर्शनकारियों ने दो बैरिकेड्स तोड़ दिए और सीएम हाउस के बाहर पहुंच गए जहां उन्होंने हंगामा किया और नारेबाजी की।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 13 अप्रैल को इस मामले गिरफ्तार किए गए 8 लोगों को जमानत दी थी। अदालत ने कहा कि आरोपी 14 दिनों से हिरासत में हैं और अब तक एकत्र किए गए सबूत इस तरह के हैं कि वे इससे छेड़छाड़ नहीं कर सकते।