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Delhi Excise Policy: हम जेल जाने से नहीं डरते, सिसोदिया पर लगे आरोप झूठे, अरविंद केजरीवाल दहाड़े और किया बचाव

Updated Jul 22, 2022 | 14:00 IST

दिल्ली एक्साइड पॉलिसी की सीबीआई जांच और मनीष सिसोदिया का नाम आने पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने ना सिर्फ केंद्र सरकार पर आरोप लगाया बल्कि मनीष सिसोदिया का बचाव भी किया।

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हम जेल जाने से नहीं डरते, सिसोदिया पर लगे आरोप झूठे-अरविंद केजरीवाल
मुख्य बातें
  • नयी आबकारी नीति 2021-22 पिछले साल 17 नवंबर से लागू
  • 32 मंडलों में दिल्ली शहर को विभाजित किया
  • कुल 849 ठेकों के लिए लगाई गई थी बोली

दिल्ली एक्साइज पॉलिसी की सीबीआई जांच के आदेश के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल की पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया कट्टर ईमानदार हैं और उन्हें फंसाने की की साजिश की जा रही है। लेकिन वो लोग जेल जाने से नहीं डरते हैं, हम लोग भगत सिंह के आदर्शों को मानते हैं। सिसोदिया के ऊपर सभी आरोप झूठे हैं। सत्येंद्र जैन को फर्जी तरीके से गिरफ्तार किया गया। हम पहले से ही कहते रहे हैं सिसोदिया की गिरफ्तारी के लिए कुचक्र रचे जा सकते हैं।दिल्ली के काम की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है, सभी लोग जानते हैं कि आप के लोग कट्टर ईमानदार होंते हैं। हकीकत यह है कि हमारे अच्छे कामों को रोकने की कोशिश की जा रही है। दुनिया भी कह रही है झूठे केस लगाए जा रहे हैं। 

क्या है मामला
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के उल्लंघन तथा प्रक्रियागत खामियों को लेकर इसकी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की सिफारिश की है।अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि दिल्ली के मुख्य सचिव की इस महीने की शुरुआत में सौंपी गयी रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गयी है।

इस रिपोर्ट से प्रथम दृष्टया राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम, 1991, व्यापारिक लेनदेन की नियमावली-1993, दिल्ली आबकारी अधिनियम, 2009 और दिल्ली आबकारी नियम, 2010 के उल्लंघनों का पता चलता है।उन्होंने बताया कि इसके अलावा रिपोर्ट में ‘‘शराब के ठेकों के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ’’ देने के लिए ‘‘जानबूझकर और घोर प्रक्रियागत खामियां करने’’ का भी जिक्र है।

नयी आबकारी नीति का बीजेपी ने किया था विरोध
नयी आबकारी नीति 2021-22 पिछले साल 17 नवंबर से लागू की गयी थी, जिसके तहत 32 मंडलों में विभाजित शहर में 849 ठेकों के लिए बोली लगाने वाली निजी संस्थाओं को रिटेल लाइसेंस दिए गए। कई शराब की दुकानें खुल नहीं पायी। ऐसे कई ठेके नगर निगम ने सील कर दिए।भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने इस नीति का पुरजोर विरोध किया था और इसकी जांच के लिए उपराज्यपाल के साथ केंद्रीय एजेंसियों में शिकायत दर्ज करायी थी।

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