- कोरोना महामारी का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक तौर पर छठ पर रोक लगाई है।
- इस विषय पर बीजेपी का आरोप आप को पूर्वांचली संस्कृति से लेना देना नहीं
- सीएम अरविंद केजरीवाल ने एलजी को खत लिखकर कोविड प्रोटोकॉल के साथ इजाजत देने की मांग की है।
दिल्ली में छठ पूजा को लेकर राजनीति तेज होती जा रही हैं । दिल्ली में छठ पूजा के आयोजन की इजाज़त हो इसे लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में केजरीवाल ने मांग की है कि छठ पूजा सार्वजनिक रूप से मनाने की अनुमति दी जाए। साफ़ है कि डीडीएमए ने दिल्ली में छठ पूजा के आयोजन पर रोक लगाई है जिसका विरोध भाजपा भी लगातार कर रही है । दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को ख़त लिखकर गाइडलाइंस जारी करने की माँग कर चुके हैं । अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में लिखा है कि दिल्ली में अब हालात बेहतर हैं, ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में छठ पूजा के आयोजन की अनुमति दे दी जाए।
केजरीवाल ने अपने ख़त में दूसरे राज्यों का भी हवाला दिया
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि 'उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान जैसे पड़ोसी राज्यों ने भी अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए उचित प्रतिबंधों के साथ छठ पूजा मनाने की अनुमति दी है. मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया है कि जल्द से जल्द DDMA की बैठक बुलाकर छठ पूजा समारोह के आयोजन की अनुमति दी जाए।
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने क्या कहा
छठ मनाने को लेकर केजरीवाल की चिट्ठी पर सांसद मनोज तिवारी ने जतायी खुशी, कहा बेवजह केंद्र को इसमें घसीटने की कोशिश हुई
दिल्ली में सार्वजनिक छठ पूजा मनाने को लेकर रास्ता लगभग साफ हो गया है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को एक पत्र लिखकर इसकी अनुमति दिए जाने की मांग की. इससे ये तय हो गया है कि जल्द ही घाटों पर छठ पूजा के लिए गाइडलाइन जारी कर दी जाएंगी. केजरीवाल की इसी चिट्ठी पर खुशी जाहिर करते हुए बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा ये कि विरोध का वक़्त नहीं है, हमें खुशी है दिल्ली के सीएम ने हमारी बात को माना.
तिवारी ने कहा कि सीएम ने चिट्ठी में वहीं बातें लिखी हैं जिनकी हम मांग करते आये हैं. हमारी मांग थी कि जब बाकी राज्यों में कोरोना के नियमों का पालन करते हुए छठ मनाने की अनुमति है तो दिल्ली में भी मिलनी चाहिए, यही बात केजरीवाल ने भी अपने पत्र में लिखी. हालांकि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसदिया द्वारा इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखे जाने पर उन्होंने कहा कि ये बेवजह की कोशिश थी.
टाइम्स नाउ नवभारत से बात करते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि 'भारतीय जनता पार्टी की तरफ से जो भी प्रदर्शन हुए वह छठ पर्व की आस्था को बचाने के लिए किया गया.' छठ पर्व को सोशल डिस्टेंसिग से जोड़ते हुए दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा छठ एक ऐसा पर्व है जिससे घाटों से खरपतवार की सफाई हो जाती है जिससे डेंगू रुकता ही है. साथ ही शुद्धता का ध्यान रखने के लिए व्रती पहले ही उचित दूरी का ध्यान भी रखते हैं.
बीजेपी ने खड़े किए थे सवाल
विपक्षी पार्टियां खासतौर पर बीजेपी ने केजरीवाल के इस कदम का श्रेय खुद को दे रही हैं । बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर मुसलमानों का तुष्टीकरण करने और छठ पूजा पर प्रतिबंध लगा कर हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया था। केजरीवाल को लिखे एक पत्र में तिवारी ने छठ मनाने को लेकर केंद्र से दिशा-निर्देश लेने के आम आदमी पार्टी सरकार के कदम पर भी सवाल उठाया था और कहा कि अगर सरकार 'गंभीर' थी तो त्योहार को प्रतिबंधित करने से पहले ऐसा करना चाहिए था.
डीडीएमए ने लगाई थी रोक
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यानि डीडीएमए ने पिछले हफ्ते एक आदेश में कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए नदी किनारे, जलाशयों और मंदिरों सहित सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा समारोह पर रोक लगा दी थी। दरअसल राजधानी में एमसीडी चुनाव होने वाले हैं और पूर्वांचल के मतदाताओं को अपने ओर खींचने की सभी राजनीतिक पार्टियों में होड़ रहती है. दिल्ली की 27 विधानसभा सीट ऐसी है जहां पूर्वांचल के लोग चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की स्थिति में रहते हैं यही वजह है की सियासी दल भी छठ को पूर्वांचल के मतदाताओं से जोड़ते हुए जमकर दांव लगा रहे हैं।
(पुलकित नागर के साथ गौरव श्रीवास्तव TIMES Now नवभारत)