- उत्तर पूर्वी दिल्ली के मंडोली इलाके में नकली किताब छापने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़
- एनसीईआरटी के सिलेबस को कॉपी कर लंबे समय से छापी जा रही थीं नकली किताबें
- दिल्ली पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक और मास्टरमाइंड मनोज जैन को गिरफ्तार किया है
नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के मंडोली इलाके से एक ऐसी फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है जहां पर एनसीईआरटी की पायरेटेड बुक्स छापी जा रही थीं। दिल्ली पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक और मास्टरमाइंड मनोज जैन को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस को एनसीईआरटी डायरेक्टर की तरफ से एक शिकायत मिली थी जिसमें बताया गया था कि मार्केट में कुछ ऐसी किताबें एनसीईआरटी के नाम से बिक रही हैं जिनको एनसीईआरटी की तरफ से प्रिंट नहीं किया गया है लेकिन एनसीईआरटी का सिलेबस को कॉपी किया गया है और लो प्रिंटेड किताबों को बाजार मे बेचा जा रहा है। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम ने रेड डालकर पायरेटेड किताब छापने वाले इस गिरोह का पर्दाफाश किया है।
बड़ी मात्रा में हुई रिकवरी
क्राइम ब्रांच की टीम को यहां से करीब 80 हजार प्रिंटेड पेज बरामद हुए हैं। इन पेजों को करीब 12 हजार किताबों में लगाना था। इसके अलावा दिल्ली पुलिस को यहां से 5 हजार पायरेटेड किताबें भी बरामद हुई हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक यहां से मिली किताबों की बाजार में कीमत करीब 35 लाख रुपए है। पुलिस को यहां से इन किताबों की छपाई में काम आने वाली 16 मेटेलिक प्लेट्स और बड़ी मात्रा में एनसीईआरटी के वाटर मार्क वाले पेपर बरामद हुए हैं। इस फैक्ट्री से दिल्ली पुलिस ने ओफ़्सेट प्रिंटिंग मशीनों को भी बरामद किया है।
क्या थी शिकायत
डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश देव ने बताया एनसीईआरटी के डायरेक्टर की तरफ से दिल्ली पुलिस को शिकायत दी गई थी कि एनसीईआरटी की नकली किताबें बाजार में आ रही हैं। ये किताबें छठी क्लास से 12वीं क्लास की हैं और इनके छपने से एनसीईआरटी को काफी नुकसान हो रहा है। मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा एनसीईआरटी किताबों को सीबीएसई से संबंधित सभी स्कूलों में मान्य कराने का प्रयास चल रहा है। इस बीच इन किताबों की भारी मांग बाजार में थी।
कैसे हुई गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस को 18 सितंबर को इस बारे में एनसीईआरटी के डायरेक्टर की तरफ से शिकायत मिली थी। पुलिस ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए तुरंत रेड की थी। इस मामले में 19 सितम्बर को FIR दर्ज हुई लेकिन इस फैक्ट्री को चलाने वाला सरगना मनोज जैन मौके से फरार हो गया था जिसको दिल्ली पुलिस ने सोमवार (4 अक्टूबर) को गिरफ्तार किया। फिलहाल पुलिस इस मामले में और ज्यादा जानकारी जुटा रही है और जानने का प्रयास कर रही है कि मनोज जैन और किस की मिलीभगत से इस पूरे गिरोह को चला रहा था।