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आईआईटी कानपुर और यूनिसेड की खास पहल, दिल्ली के स्कूलों में राष्ट्रीय आविष्कार लैब की होगी स्थापना

Updated Jun 20, 2020 | 17:29 IST

National Invention Campaign Lab: आईआईटी कानपुर, यूनिसेड के सहयोग से दिल्ली के 136 स्कूलों में राष्ट्रीय आविष्कार लैब स्थापित किए जाने की योजना है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्दश पर कदम उठाया गया है।

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दिल्ली के स्कूलों में राष्ट्रीय आविष्कार लैब
मुख्य बातें
  • दिल्ली के 136 स्कूलों में राष्ट्रीय आविष्कार अभियान लैब की होगी स्थापना
  • आईआईटी कानपुर, यूनिसेड और एमएसएमई की खास पहल, मानव संसाधन विकास मंत्रालय का निर्देश
  • छात्रों के आविष्कार को कराया जाएगा पेटेंट, दिल्ली के बाद जम्मू-कश्मीर के स्कूलों में स्थापित किया जाएगा लैब

नई दिल्ली।  कहते हैं कि छात्र भविष्य की पूंजी होते हैं, अगर हम उन्हें सही दिशा दें तो बेहतर भविष्य को वर्तमान में देख सकते हैं। अलग अलग राज्य सरकारें और संस्थान अपने अपने तरीके से छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा की तरफ मोड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं ताकि ज्ञान सिर्फ किताबी न हो बल्कि उसे जमीन पर उतारा जा सके। यूं कह सकते हैं कि किताबी ज्ञान का उपयोग इस तरह से ने केवल छात्र बल्कि आम जन भी उसका फायदा उठा सकें। इसी दिशा में आईआईटी कानपुर और यूनिसेड की तरफ से कदम उठाया गया है।

राष्ट्रीय आविष्कार अभियान लैब
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से राष्ट्रीय आविष्कार अभियान लैब बनाए जा रहे हैं और इसकी शुरुआत राजधानी दिल्ली के स्कूलों से होगी। दिल्ली के 136 स्कूलों का चयन किया गया है और आईआईटी कानपुर, यूनिसेड, एमएसएमई मिलकर इन्हें विकसित करेंगे। खास बात यह है कि आरएए स्थापिक करने का कारवां दिल्ली के बाद जम्मू-कश्मीर की तरफ चला जाएगा। 



प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर का है यह कहना
आरएए प्रोजेक्ट से जुड़े चीफ प्रोग्राम डायरेक्टर अवनीश त्रिपाठी बताते हैं कि यूनिसेड, आईआईटी कानपुर के एलुमनी के स्टूडेंट की संस्था है। यूनिसेड और आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर साइंस विभाग की योजना पर आरएए लैब स्थापित होंगी। खास बात यह है कि छात्रों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस लैब के जरिए रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियर इंटेलीजेंस, एस्ट्रोनॉमी के साथ साथ आम जिंदगी से जुड़ी जानकारियों को भी छात्रों के साथ साझा किया जाएगा।

10वीं से लेकर 12वीं के छात्र होंगे शामिल
पहले चरण में क्लास 10 से लेकर 12वीं तक के छात्रों को शामिल किया जाएगा। 10वीं के छात्रों को प्रशिक्षण तो 12वीं के छात्रों को रिसर्च के साथ प्रोजेक्ट पर काम करने का मौका मिलेगा। इस पूरी कवायद में एक लाख से ज्यादा छात्रों को जोड़ा जा रहा है और वो किसी आविष्कार में सफल होते हैं तो उसका पेटेंट कराया जाएगा। इसके लिए व्यक्तिगत या समूह स्तर पर कंपनी बनाई जाएगी ताकि उससे  आर्थिक दोहन किया जा सके। लैब स्तर पर इनोवेशन और इंक्यूबेशन हब भी बनाया जाएगा।