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BPSC Success Story: पड़ोसी ही नहीं रिश्तेदार भी कहते थे बेवकूफ, पहले प्रयास में इस तरह हासिल की BPSC में सफलता

Updated Nov 25, 2019 | 07:00 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

BPSC Success Story: स्कूल के दिनों अच्छी छात्रा होने के बावजूद अनू 12वीं की परीक्षा में सिर्फ 48 नंबर आए। इस नंबर ने उनकी दुनिया बदल दी थी। वहीं इस वीडियो के जरिए उन्होंने बताया कि कैसे BPSC में सफलता हासिल की।

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BPSC TIPS By अनु भारती
मुख्य बातें
  • अनु भारती ने बीपीएससी की परीक्षा में पहली बार में सफलता हासिल की है।
  • तैयारी के दिनों में उनकी जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला।
  • उन्होंने फूड टेक्नोलॉजी और बायोकेमिकल इंजीनियरिंग की है।

कहते हैं उगते सूरज को तो सब सलाम करते हैं, लेकिन जब आपका समय खराब चल रहा हो तो कोई दिलासा तक नहीं देता। कुछ ऐसा ही अनु भारती के साथ ही हुआ। शुरुआत में अनु पढ़ने में अच्छी नहीं थी, लेकिन उन्होंने मेहनत से क्लास के टॉपर्स में अपना नाम दर्ज करवाया। बिहार के सिहरसा जिले की रहने वाली अनु भारती ने अपनी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई नवोदय की है। अनु के मुताबिक उनका सफर उतार-चढाव से भरा है। 


अनु भारती ने बताया कि पढ़ाई में अच्छी होने बावजूद जब 12वीं की परीक्षा में सिर्फ 48 नंबर आए। इस नंबर को देखने के बाद ऐसा लगा जैसे सबकुछ खत्म हो गया। उसी दौरान उनके पिता मोटी फीस देकर इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए उन्हें कोचिंग भेजा। लगातार तीन प्रयास के बावजूद उनका चयन आईआईटी या एनआईटी किसी में भी नहीं हुआ। इस असफलता से अनु  बिल्कुल टूट सी गई थी।

रिश्तेदार से लेकर आस-पड़ोस के लोगों ने ताना मारना शुरू कर दिया। सोसाइटी के लोग अक्सर उनके पिता को आ कर कहते कि बेकार ही पढ़ाया आपने बेटी को। कुछ तो हुआ नहीं उससे, शादी कर दीजिए .....ऐसी बातें उन्हें हमेशा सुनने को मिलती।

इन बातों से परेशान करीबन डेढ साल तक वो अपने घर नहीं गईं। अनु बताती है कि अपनी असफलता आगे मैं हंसना भूल गई थी। लोगों ने मुझे बेवकूफ कहते थे। इसी बीच उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। अनु जाधवपुर यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया जहां से उन्होंने फूड टेक्नोलॉजी और बायोकेमिकल इंजीनियरिंग की। कॉलेज के दौरान उन्होंने तय किया कि वो खुद में बदलाव लाएंगी। ऐसे में दोस्तों की मदद से वो खुद को पॉजिटिव रखना शुरू किया। वहीं कॉलेज खत्म होने के बाद एक सॉफ्टवेयर कंपनी में प्लेजमेंट हुई। इस दौरान उन्हें लगा कि वो डेस्क पर बैठकर काम नहीं कर सकती।

ऐसे में उन्होंने तय किया कि वो अपने पिता को बताएंगी कि वो बीपीएससी की तैयारी करना चाहती हैं। जब उन्होंने इस बारे में अपने पिता को बताया तो उन्होंने सवाल किया कि क्या वो उतनी मेहनत कर पाएंगी। अनु मन बना चुकी थी, जिसके बाद उन्होंने तैयारी शुरू कर दी। कड़ी मेहनत और दोस्तों से मिली हौसला अफजाई के दम पर अनु अपनी पहली कोशिश में ही सफलता हासिल कर ली थी। उन्होंने बीपीएससी की परीक्षा में 63 रैंक हासिल की है। अनु के मुताबिक किसी भी परीक्षा की सफलता आपकी मेहनत तय करती है। इसके लिए सिर्फ तैयारी सही दिशा में होनी चाहिए।