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ऐसे पास होंगे 12वीं के छात्र, CBSE ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया रिजल्ट तैयार करने का फॉर्मूला 

Updated Jun 17, 2021 | 12:26 IST

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) ने गुरुवार को 12वीं बोर्ड के छात्रों के लिए रिजल्ट तैयार करने का फॉर्मूला सुप्रीम कोर्ट में पेश किया। सीबीएसई ने एससी में हलफनामा पेश किया है।

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CBSE ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया 12वीं के रिजल्ट तैयार करने का फॉर्मूला।
मुख्य बातें
  • सीबीएसई बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को 12वीं बोर्ड के नतीजे तैयार करने के अपने फॉर्मूले को बताया है
  • बोर्ड ने कहा है कि वह 30;30:40 फॉर्मूले के आधार पर 12वी बोर्ड का नतीजा तैयार करेगा
  • 12वीं बोर्ड के नतीजे 31 जुलाई तक जारी किए जाएंगे, असंतुष्ट छात्र दे सकेंगे परीक्षा

नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) ने गुरुवार को 12वीं बोर्ड के छात्रों के लिए रिजल्ट तैयार करने का फॉर्मूला सुप्रीम कोर्ट में पेश किया। शीर्ष अदालत में दायर अपने हलफनामे में सीबीएसई ने कहा है कि 30:30:40 फॉर्मूला के आधार पर 12वीं के छात्रों का नतीजा तैयार किया जाएगा। बोर्ड ने बताया कि 12वीं की परीक्षा का रिजल्ट 31 जुलाई तक जारी किया जाएगा और स्कूल 15 जुलाई तक अंक पत्र प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों को अंक पत्र एवं प्रमाणपत्र 31 जुलाई तक जारी होंगे। 

10वीं के 5 विषयों में से 3 विषय के सबसे अच्छे मार्क लिए जाएंगे
सीबीआई ने कहा कि 10वीं के 5 विषयों में से 3 विषय के सबसे अच्छे मार्क को लिया जाएगा, इसी तरह 11वीं के पांचों विषय का एवरेज लिया जाएगा। इसमें 12वीं की प्री-बोर्ड परीक्षा एवं प्रैक्टिल परीक्षा के नंबर के आधार 40 प्रतिशत अंक जोड़े जाएंगे। बोर्ड का कहना है कि कक्षा 10वीं में प्राप्त अंकों का 30%, 11वीं के अंकों का 30% और 12वीं के नंबर के 40% के आधार पर नतीजे तैयार किए जाएंगे।

मानदंड से असंतुष्ट छात्र बाद में दे सकेंगे परीक्षा 
एटॉर्नी  जनरल केके वेणुगोपल ने कोर्ट को बताया कि जो छात्र नतीजे घोषित करने के मौजूदा मानदंड एवं व्यवस्था से संतुष्ट नहीं होंगे, वे कोरोना के हालात सुधरने पर अथवा स्थिति के सामान्य होने अथवा संस्थान के मुताबिक बाद में भौतिक रूप से परीक्षा में शामिल होकर अपने मार्क्स सुधार कर सकते हैं।  

समिति ने तय किए मानदंड 
बता दें कि 12वीं कक्षा के छात्रों का रिजल्ट तैयार करने में अपनाए जाने वाले मानदंड तय करने के लिए 13 सदस्यों की एक समिति बनाई है। शीर्ष अदालत ने मानदंड प्रक्रिया के बारे में घोषणा करने के लिए बोर्ड को दो सप्ताह का समय दिया था।  

पीएम की बैठक में हुआ था 12वीं की परीक्षा रद्द करने का फैसला
कोरोना संकट के बीच 12वीं की परीक्षा कराई जाए या नहीं, इस पर फैसला करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत एक जून को एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में देश में महामारी के हालात को देखते हुए 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द करने का फैसला हुआ। बाद में एक-एक करके राज्यों ने भी अपनी 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दीं। इस बैठक में यह भी तय हुआ कि जो छात्र अपने नतीजे से संतुष्ट नहीं होंगे, वे स्थिति सुधरन पर परीक्षा दे सकेंगे। 

मई-जून में होनी थी 12वीं की परीक्षा
इस साल सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा मई-जून में होनी थी लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए इसे स्थगित किया गया। सीबीएसई अपनी 10वीं की बोर्ड परीक्षा पहले ही रद्द कर चुका था।