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Chhattisgarh: इस गांव में 'मोहल्ला क्लासेस', ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित बच्चों के लिए 'मास्टरजी' की अनोखी पहल

Updated Sep 17, 2020 | 11:07 IST

ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रहने वाले बच्चों के लिए एक टीचर ने अनोखी पहल की है। टीचर ने मोटरसाइकिल पर मोहल्ला क्लासेस की शुरुआत की है। जानिए क्या है ये-

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तस्वीर साभार:&nbspANI
छत्तीसगढ़ के कोरिया गांव में मोहल्ला स्कूल

नई दिल्ली : कोरोना काल में बच्चों के स्कूल कॉलेज सब बंद हो गए हैं और उनकी ऑनलाइन कक्षाएं ली जा रही हैं। ऐसे में बच्चों को अच्छी क्वालिटी के इंटरनेट और स्मार्टफोन या फिर लैपटॉप की जरूरत पड़ती है। इस ऑनलाइन पढ़ाई में कुछ हो ना हो बच्चे टेक्नोफ्रेंडली जरूर हो रहे हैं। हालांकि इन सबके बीच एक स्याह पक्ष ये भी है कि देश में आज भी बड़ी आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजारती है।

ऐसे लोगों के लिए दो जून की रोटी भी जुटा पाना नसीब नहीं होता है ऐसे में उनके लिए स्मार्टफोन और लैपटॉप पर ऑनलाइन पढ़ाई करना उनके लिए किसी सपने जैसा बन गया है। पिछड़े गांवों में रहने वाले बच्चे आज भी पढ़ाई से वंचित हैं। छत्तीसगढ़ में एक ऐसा ही गांव है जो काफी पिछड़ा है वहां के बच्चे भी कोरोना काल में पढ़ाई से वंचित हैं। उन्हें इस अंधेरे से दूर करने के लिए एक टीचर उनकी जिंदगी में उजाला बन कर आया है।   

छत्तीसगढ़ के कोरिया गांव में एक टीचर अपने मोटरसाइल पर घूम-घूम कर बच्चों को पढ़ाता है। उसने अपनी इस क्लास को मोहल्ला क्लास दिया है। उसने अपनी मोटरसाइकिल पर एक ब्लैकबोर्ड टांग रखा है और वह गांव के मोहल्ले में बीच में खड़ा होकर उसी ब्लैकबोर्ड के जरिए बच्चों को पढ़ाता है और सारे बच्चे अपने घर के दरवाजे पर अपने बस्ते लेकर बैठते हैं।

इसकी तस्वीरें सामने आ रही हैं जो बेहद सुखद है। रुद्र राणा नाम से इस टीचर ने बताया कि चूंकि बच्चे स्कूल नहीं जा सकते हैं। इसलिए मैं उनके द्वार पर ही शिक्षा ले आया हूं। कई बच्चों के पास ऑनलाइन शिक्षा पाने के साधन नहीं है ऐसे में ये तरीका उनके लिए काफी मददगार साबित होगा।