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'सिनेमा वाले बाबू' लेते हैं 'मोहल्‍ला क्‍लास', बच्‍चों को पढ़ाने के लिए अपनाया अनूठा तरीका

Updated Sep 12, 2020 | 11:49 IST

Innovative teaching method: कोरोना संक्रमण के कारण स्‍कूल-कॉलेज बंद होने के बीच छत्‍तीसगढ़ में एक शिक्षक ने बच्‍चों को पढ़ाने के लिए अनूठा तरीका अपनाया है। वह बाइक पर टीवी और स्‍पीकर लेकर चलते हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
'सिनेमा वाले बाबू' लेते हैं 'मोहल्‍ला क्‍लास', बच्‍चों को पढ़ाने के लिए अपनाया अनूठा तरीका
मुख्य बातें
  • शिक्षक अशोक लोधी बच्‍चों को पढ़ाने के लिए कई मोहल्‍लों में जाते हैं
  • उन्‍होंने जो तरीका अपनाया है, उसकी वजह से उन्‍हें 'सिनेमा वाले बाबू' भी कहा जाता है
  • बच्‍चे भी उनकी पढ़ाई से बेहद खुश हैं, जिन्‍हें पढ़ाई के साथ-साथ कार्टून भी देखने को मिलता है

रायपुर : कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देशभर में स्‍कूल-कॉलेज बंद हैं और बच्‍चों को ऑनलाइन माध्‍यम से पढ़ाया जा रहा है। हालांकि बड़ी संख्‍या में ऐसे बच्‍चे भी हैं, जिनकी पहुंच इंटरनेट जैसी सुविधाओं तक नहीं है तो देश में दूर-दराज के ऐसे इलाके भी हैं, जहां ऑनलाइन क्लास के लिए जरूरी इंटरनेट का नेटवर्क भी नहीं पहुंचता। इस बीच छत्‍तीसगढ़ में एक शिक्षक ने बच्‍चों को पढ़ाने के लिए अनूठा तरीका अपनाया है।

छत्‍तीसगढ़ के कोरिया से ताल्‍लुक रखने वाले इस टीचर ने बच्‍चों को पढ़ाने के लिए टीवी का सहारा लिया है और वह विभिन्‍न मोहल्‍लों में जाकर उन्‍हें मनोरंजक तरीके से पढ़ाते हैं। इस दौरान वह बच्‍चों को कार्टून और कहानियां भी दिखाते हैं। पढ़ाने का जो अनूठा तरीका उन्‍होंने अपनाया है, उसकी वजह से इलाके में लोग उन्‍हें 'सिनेमा वाले बाबू' कहते हैं और अलग-अलग जगह लगने वाली उनकी कक्षाओं को 'मोहल्‍ला क्‍लास' भी कहा जाता है।

बच्‍चे भी खुश

वह अपनी मोटरसाइकिल पर टीवी और स्‍पीकर लेकर चलते हैं, जो बच्‍चों को खूब आकर्षित करता है। स्‍थानीय प्रशासन ने भी उन्‍हें इसके लिए प्रोत्‍साहित किया, जिससे उनका काम आसान हो गया। बच्‍चों के पढ़ाने के लिए यह तरीका अपनाने के लिए उन्‍हें बहुत अधिक खर्च भी नहीं करना पड़ा। टीवी स्‍कूल का ही है और बच्‍चों को पढ़ाने उन्‍हें मोहल्‍लों में जाना ही था। ऐसे में इसके लिए कोई अतिरिक्‍त खर्च नहीं हुआ।

बच्‍चों को पढ़ाने के लिए यह अनूठा तरीका अपनाने वाले शिक्षक का नाम अशोक लोधी है। बच्‍चों को टीवी से पढ़ाने के बारे में उन्‍होंने क्‍यों सोचा, इस बारे में पूछे जाने पर उन्‍होंने कहा, 'मुझे लगा यह छात्रों को आकर्षित करने का बढ़‍िया तरीका होगा।' वहीं छात्र भी इससे खूब खुश हैं। ऐसे ही एक छात्र ने कहा, 'यह बहुत मजेदार है। हम कार्टून देखते हैं और साथ में पढ़ाई भी करते हैं।'