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Education Ministry Instructions to School: शिक्षा मंत्रालय का निर्देश, छात्रों की सुरक्षा में स्कूलों ने बरती लापरवाही तो रद्द होगी मान्यता

Updated Oct 09, 2021 | 14:24 IST

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा के लिए एक नीति तैयार की है। यह नीति छात्रों को किसी भी उत्पीड़न, शारीरिक चोट और मानसिक रूप से सुरक्षित रखने के लिए है।

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Education Ministry Instructions to School
मुख्य बातें
  • केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा के लिए एक नीति तैयार की है।
  • यह नीति छात्रों को किसी भी उत्पीड़न, शारीरिक चोट और मानसिक रूप से सुरक्षित रखने के लिए है।
  • ई गाइडलाइन के मुताबिक स्कूल प्रबंधन व प्रिंसिपल स्कूल में छात्रों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी होंगे।

Education Ministry Instructions to School: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा के लिए एक नीति तैयार की है। यह नीति छात्रों को किसी भी उत्पीड़न, शारीरिक चोट और मानसिक रूप से सुरक्षित रखने के लिए है। केंद्र की इस पहल में देश के सभी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश, सीबीएसई बोर्ड और अन्य राज्य शिक्षा बोर्ड भी इस नीति का हिस्सा होंगे।

अपने परिसर में छात्रों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए स्कूल को कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देना होगा। स्कूल प्रशासन को परिसर में सुरक्षित बुनियादी ढांचे की स्थापना सुनिश्चित करनी होगी। स्कूल परिसर में उपलब्ध कराए जाने वाले भोजन और पानी के स्तर में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। छात्रों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने में देर होने पर इसकी जवाबदेही स्कूल की होगी।

छात्रों द्वारा उत्पीड़न या अन्य किसी समस्या की शिकायत के निस्तारण में लापरवाही बरती गई तो इसकी जिम्मेदारी भी स्कूल प्रशासन की होगी। भेदभावपूर्ण कार्रवाई, परिसर में मादक पदार्थों के सेवन को रोकना स्कूल की जिम्मेदारी है। स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इनमें से किसी भी विषय पर स्कूल प्रशासन द्वारा लापरवाही न बरती जाए यदि ऐसा होता है तो फिर नई गाइडलाइंस के तहत स्कूल की मान्यता रद्द की जा सकती है।

नई गाइडलाइन के मुताबिक स्कूल प्रबंधन व प्रिंसिपल स्कूल में छात्रों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी होंगे। अभिभावकों से गाइडलाइन की निगरानी की अपेक्षा की गई है। शिक्षा विभाग गाइडलाइन के पालन की जांच करेगा।

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक स्कूलों को इन दिशा निर्देशों को अमल में लाने के लिए इनका समर्थन, प्रसार, ट्रैकिंग व प्रोत्साहन करना होगा। शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि नियमों का पालन न करने या फिर इन नियमों में लापरवाही बरतने वाले स्कूलों पर जुर्माना लगाया जा सकता है। चूकि अधिक गंभीर होने की स्थिति में स्कूलों की मान्यता भी रद्द की जा सकती है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सुयंक्त (स्कूल शिक्षा) सचिव संतोष कुमार यादव ने विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को देश की इस नई स्कूल सेफ्टी एंड सिक्योरिटी गाइडलाइन से अवगत कराया है। वहीं स्कूल शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सीबीएसई बोर्ड एवं विभिन्न राज्यों के शिक्षा बोडरें को भी नई स्कूल सेफ्टी व सिक्योरिटी गाइडलाइन भेजी गई है। दरअसल नई शिक्षा नीति के तहत यह गाइडलाइन स्कूलों में छात्रों को शारीरिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक सुरक्षा प्रदान करेगी।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि जब तक बच्चा स्कूल में होगा सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल की होगी। ऐसे में यदि यह पाया जाता है कि जानबूझकर किसी छात्र को अनावश्यक मानसिक, शारीरिक पीड़ा दी गई है तो यह इसे छात्र की सुरक्षा के प्रति गंभीर चूक माना जाएगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा तय की गई इन गाइडलाइंस का पालन देश के सभी सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों द्वारा किया जाएगा। सरकारी व निजी स्कूलों को पढ़ाई के साथ साथ छात्रों को शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक सुरक्षा देना आवश्यक होगा।

यह गाइडलाइन गुरुग्राम के निजी स्कूल में 4 साल पहले हुई एक छात्र की मृत्यु की घटना को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। छात्र के पिता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन तैयार करने का सुझाव दिया था। नियमों का पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ स्थानीय शिक्षा अधिकारी से शिकायत की जा सकती है। संतोषजनक कार्रवाई ना होने की स्थिति में जिला शिक्षा अधिकारी और डीसी मामले की जांच करेंगे।