नई दिल्ली : केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने देश के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए शुक्रवार को 100 दिनों के एक अभियान का शुभारंभ किया। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सभी मुख्यमंत्रियों और उप राज्यपालों को पत्र लिखकर इस अभियान को अपने-अपने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ‘‘जन आंदोलन’’ बनाने की अपील की है।
शेखावत ने इस अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि यह अभियान देश के हर बच्चे के समग्र विकास को सुनिश्चित कर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने का एक अवसर है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी राष्ट्रपिता की 151वीं जयंती पर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।’’ उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन का लक्ष्य महिलाओं और बच्चों पर विशेष ध्यान देने के साथ घरों में पानी की आपूर्ति करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘बच्चों के लिए स्वच्छ जल सुनिश्चित करना मिशन की प्राथमिकता है, क्योंकि वे जल-जनित बीमारियों जैसे टाइफाइड, दस्त, हैजा आदि के लिए अति संवेदनशील होते हैं। अपने प्रारंभिक वर्षों में दूषित जल पीने के कारण बार-बार होने वाले संक्रमण में दुर्बल प्रभाव हो सकते हैं।’’
शेखावत ने कहा कि उन क्षेत्रों में स्थिति बहुत अधिक जटिल है, जहां आर्सेनिक, फ्लोराइड और अन्य भारी धातुओं आदि से जल स्रोत दूषित पाए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि लंबे समय तक दूषित पानी पीने से आर्सेनिकोसिस, फ्लोरोसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इन गंभीर मुद्दों से निपटने के लिए स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य सेवा केंद्र आदि में नल के पानी के कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ जल सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन के तहत प्रावधान किए गए हैं।’’
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 सितंबर को जल जीवन मिशन के ‘लोगो’ को जारी करते समय देश के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने का आह्वान किया था।
जल जीवन मिशन को राज्यों के साथ मिलकर कार्यान्वित किया जा रहा है जिसका उद्देश्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पीने का जल उपलब्ध कराना है।
पिछले एक वर्ष में, पूरे देश में 2.30 करोड़ से ज्यादा घरों में नल जल कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं। वर्तमान में, 5.50 करोड़ घरों को उनके घरों में सुनिश्चित रूप से सुरक्षित नल का पानी प्राप्त हो रहा है।