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गुजरात में फिर कैंसिल हुईं क्लर्क रिक्रूटमेंट परीक्षाएं, 2019 के बाद तीसरी बार लिपिक भर्ती परीक्षा रद्द

Updated Feb 10, 2022 | 18:21 IST

Gujarat Clerk Recruitment Exam Cancelled: गुजरात सरकार की ओर से साल 20219 के बाद तीसरी बार क्लर्क भर्ती को लेकर होने वाली परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। इस एग्जाम को प्रशासनिक कारणों से रद्द कर दिया गया है।

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गुजरात में क्लर्क भर्ती परीक्षा हुई रद्द
मुख्य बातें
  • जीएडी यानी सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से पात्रता मानदंड में बदलाव।
  • लिपिक और कार्यालय सहायक के लगभग 3500 पदों की होनी है भर्ती।
  • छह लाख उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए कराया था अपना रजिस्ट्रेशन।

Gujarat Clerk Recruitment: गुजरात सरकार की ओर से 13 फरवरी को होने वाली लिपिक भर्ती परीक्षाओं को प्रशासनिक कारणों से अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है। साल 2019 के बाद ये तीसरी बार है जब राज्य सरकार की ओर से तृतीय श्रेणी गैर-सचिवालय लिपिक और सचिवालय सेवा कार्यालय सहायक पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा अलग-अलग कारण से आयोजित नहीं हो सकी है।

जीएसएसएसबी यानी गुजरात अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड की ओर से बुधवार रात को सार्वजनिक नोटिस में घोषणा की कि 13 फरवरी को होने वाली परीक्षा फिलहाल स्थगित हो गई है और जल्द नई तिथियों की घोषणा होने की संभावना है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, लिपिक और कार्यालय सहायक के लगभग 3500 पदों की भर्ती के लिए लगभग छह लाख उम्मीदवारों ने अपना पंजीकरण कराया था।

सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) की ओर से पात्रता मानदंड में बदलाव का हवाला देते हुए अक्टूबर 2019 में जीएसएसएसबी ने पहली बार भर्ती परीक्षा रद्द की थी। भर्ती को लेकर विज्ञापन जारी होने के समय बोर्ड ने घोषणा की थी कि 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी परीक्षा के लिए पात्र उम्मीदवार हो सकते हैं। लेकिन, परीक्षा की तारीख से ठीक पहले जीएडी ने मानदंड बदल दिए और कहा कि केवल स्नातक उम्मीदवार ही परीक्षा में बैठ सकते हैं।

भारी हंगामे के बाद राज्य सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी थी और घोषणा की थी कि 12वीं कक्षा उत्तीर्ण कर चुके उम्मीदवार भी लिखित परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। बाद में भर्ती परीक्षा 17 नवंबर, 2019 को आयोजित की गई। लेकिन, पेपर लीक होने के आरोपों के बाद दिसंबर 2019 में इसे फिर से रद्द कर दिया गया था।

पूर्व में आयोजित परीक्षा को रद्द करने का निर्णय पेपर लीक होने के आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के निष्कर्ष सामने आने के बाद लिया गया।