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Haryana Board Exams 2022: 5वीं और 8वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा अगले सत्र तक टली, हरियाणा सरकार ने लिया अहम फैसला

Updated Feb 21, 2022 | 18:16 IST

Haryana Board Exams 2022 cancelled: हरियाणा के स्कूलों में कक्षा 5 और 8 के लिए होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को अगले सत्र तक के लिए टाल दिया गया है। ये फैसला हरियाणा सरकार ने लिया है। इस सिलसिले में सीएम ने घोषणा की है।

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Haryana Board Exams 2022
मुख्य बातें
  • बोर्ड परीक्षाओं का लगातार हो रहा था विरोध
  • सीएम नोहर लाल खट्टर ने किया अहम ऐलान
  • बोर्ड परीक्षा के लिए BSEH का हुआ था गठन

Haryana Board Exams 2022 cancelled: हरियाणा के स्कूलों में कक्षा 5 और 8 के लिए होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को लेकर राज्‍य सरकार ने अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को बोर्ड परीक्षाओं को अगले सत्र के लिए टालने का ऐलान किया। इससे स्‍टूडेंट को राहत मिली है। राज्‍य में होने वाली इन बोर्ड परीक्षाओं को लेकर काफी विरोध हो रहा था, ऐसे में सरकार के इस फैसले से राहत मिल सकती है। 

हरियाणा के सीएम ने कहा, “कोविड -19 महामारी के मद्देनजर, छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। इस प्रकार, हमने वर्तमान सत्र के लिए कक्षा 5 वीं और 8 वीं की बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित करने का निर्णय लिया है। बोर्ड की परीक्षाएं अगले साल होंगी। मौजूदा सत्र के लिए, स्कूलों को अपने स्तर पर परीक्षा आयोजित करने के लिए कहा गया है।”

उन्‍होंने यह भी कहा कि इन दो कक्षाओं के लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए, 25 फरवरी को एक बैठक होने वाली है। हम देखेंगे कि क्या बैठक अभी आयोजित करने की आवश्यकता है या नहीं। वैसे मौजूदा सत्र के लिए इन दो कक्षाओं के लिए राज्य बोर्ड परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। 

अक्‍टूबर में रखा गया था प्रस्‍ताव 
BSEH ने अक्टूबर 2021 में हरियाणा के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा 5 और 8 के लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव रखा था। 18 जनवरी को,सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम में संशोधन करने के लिए अधिसूचना पेश की गई। साथ ही हरियाणा में एससीईआरटी को कक्षा 5 और 8 के लिए परीक्षा आयोजित करने के लिए "अकादमिक प्राधिकरण" के रूप में नियुक्त किया। एससीईआरटी ने 28 जनवरी को बीएसईएच को इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी।

अभिभावकों ने जताया था विरोध 
बोर्ड परीक्षा के इस फैसले का हरियाणा के अभिाभावक लगातार विरोध कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि छात्र बोर्ड परीक्षा का अर्थ भी नहीं समझेंगे। ऐसे जूनियर स्तर पर बोर्ड परीक्षा कराना अस्वीकार्य है। उन्होंने परीक्षा-आधारित पैटर्न की तुलना में ज्ञान-आधारित अध्ययन पैटर्न पर जोर दिया। साथ ही उनका कहना है कि COVID-19 महामारी के कारण स्‍टडी को काफी नुकसान हुआ है।