- आरआरबी एनटीपीसी के खिलाफ छात्रों के गुस्से से आंदोलन उग्र।
- रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड के खिलाफ बिहार में कई जगहों पर प्रदर्शन।
- खान सर पर लगे आंदोलन भड़काने के आरोप, जवाब में कोचिंग शिक्षक ने दी सफाई।
नई दिल्ली: रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (आरआरबी) की ओर से जारी किए गए रिजल्ट और आगे की प्रक्रिया को लेकर बिहार राज्य में जमकर बवाल हो रहा है और इसके लिए एक शिक्षक अचानक एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं जोकि अक्सर आसान भाषा में अलग-अलग विषयों पर छात्रों को छात्रों को समझाने के लिए सोशल मीडिया पर चर्चा में बने रहते हैं और इस शिक्षक का नाम है 'खान सर'।
दरअसल बिहार के पटना, आरा सहित कई जिलों में रेलवे स्टेशन, रेलवे ट्रैक समेत कई जगहों पर छात्रों का विरोध प्रदर्शन अचानक बेहद उग्र हो गया है, जोकि रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की भर्ती प्रक्रिया और कथित असंवेदनशील रवैये के खिलाफ शुरू किया गया है। इस उग्र प्रदर्शन के पीछे प्रशासन ने खास सर पर छात्रों को भड़काने के आरोप लगाए हैं और उन्हें शिक्षा माफिया का हिस्सा बताया है।
अब खान सर ने मीडिया के सामने आकर स्पष्ट शब्दों में अपनी बात सामने रखते हुए कहा है कि उनकी वजह से विवाद नहीं हो रहा है क्योंकि अगर ऐसा होता तो यह प्रदर्शन इतने बड़े पैमाने पर नहीं हो रहा होता। उन्होने छात्रों के हिंसा करने को गलत बताया है और कहा कि आरआरबी परीक्षा उम्मीदवारों को शांत का प्रयास वह भी अपने स्तर पर कर रहे हैं लेकिन इसके साथ ही खान सर ने उस मूल मुद्दे पर भी बात की जिसकी वजह से यह प्रदर्शन हो रहे हैं।
दरअसल रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड यानी आरआरबी की ओर से 12वीं और ग्रेजुएशन पास छात्रों के लिए भर्ती प्रक्रिया में एक परीक्षा लेने का फैसला किया है जिससे ग्रेजुएट छात्रों को फायदा हो रहा है और 12वीं छात्रों के लिए कठिनाई होने के साथ उनका कटऑफ स्तर अव्यवहारिक रूप से ऊपर जा रहा है। उम्मीदवार काफी समय से आरआरबी के सामने इस विषय को लेकर आपत्ति जता रहे थे।
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खान सर का कहना है कि फिलहाल 16 फरवरी तक छात्रों से सुझाव आरआरबी की ओर से मांगे गए हैं और हर एक आरआरबी से रिपोर्ट 4 मार्च तक मांगी गई, 5 सदस्यों की कमेटी भी बनाई गई है लेकिन अगर यह कदम बोर्ड की ओर से पहले ही उठा लिया जाता तो यह बवाल होता ही नहीं। खान सर का कहना है कि वह छात्रों को रोकने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वह अकेले इतने ज्याद छात्रों को नहीं रोक सकते हैं। सभी शिक्षक और छात्र गलत नहीं हो सकते।