- हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है हिंदी दिवस।
- निबंध को सरल व दमदार बनाने के लिए रूपरेखा करें तैयार।
- यहां महत्वपूर्ण बिंदुओं व दिलचस्प कहानियों का करें जिक्र।
Hindi Diwas Speech, Essay, Nibandh, Bhashan And Quotes In Hindi: हिंदी भाषा में सभी भावों को भरने की अद्भुत क्षमता है, यही कारण है कि हिंदी को भारत की जननी भाषा कहा जाता है। भारतीय संस्कृति में हिंदी को मातृ भाषा का दर्जा दिया गया है। यह महज भाषा नहीं बल्कि भारतीयों को एकता व अखंडता के सूत्र में पिरोती है। हिंदी को मन की भाषा कहा जाता है, जो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी, संसद से लेकर सड़कों तक और साहित्य से लेकर सिनेमा तक हर जगह संवाद का सबसे बड़ा पुल बनकर सामने आती है। हिंदी हमारे साहित्यकारों की संस्कृति थी। महात्मा गांधी ने भी एक बार कहा था कि, जिस प्रकार ब्रिटेन में अंग्रेजी बोली जाती है और सारे कामकाज अंग्रेजी में किए जाते हैं, ठीक उसी प्रकार हिंदी को हमारे देश में राष्ट्रभाषा का सम्मान मिलना चाहिए। लेकिन आज भी हम हिंदी को राष्ट्भाषा का दर्जा नहीं दिलवा पाए।
साल 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो देश के सामने एक राजभाषा के चुनाव को लेकर सबसे बड़ा सवाल था, क्योंकि भारत में हजारों भाषाएं और सैकड़ो बोलियां बोली जाती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए 14 सितंबर 1949 को हिंदी और इंग्लिश को राजभाषा के रूप में चुना गया। हालांकि इस पर जमकर विरोध हुआ। वहीं राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के अनुरोध पर 14 सितंबर 1953 को पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया। इसके बाद से प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को हिंदी के महत्व व इतिहास के बारे में बताना है और अपनी मातृ भाषा के प्रति जागृत करना है। तथा हिंदी को ना केवल देश के हर क्षेत्र में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रसारित करना है।
हिंदी दिवस पर दमदार भाषण, ऐसे करें स्पीच की शुरुआत, छोड़ जाएंगे छाप
हिंदी दिवस के अवसर पर स्कूल, कॉलेज व अन्य शैक्षणिक संस्थानों व सरकारी कार्यालयों में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ऐसे में यदि आपने भी भाषण प्रतियोगिता या निबंध लेखन में हिस्सा लिया है तो, यहां हम आपको ,स्पीच व निबंध को दमदार बनाने के शानदार टिप्स बताएंगे।
ऐसे में बनाएं निबंध को दमदार और अलग
यदि आप चाहते हैं कि आपका निबंध पढ़ने वाले की आंखें पन्ने से हटने का नाम ना लें, तो निबंध की शुरुआत हिंदी दिवस पर शानदार दोहे या कविता से करें। ध्यान रहे निबंध कम से कम 500 से 1000 शब्दों के बीच होना चाहिए। यदि आपको सीमित शब्दों में निबंध लिखना है, तो इसमें केवल महत्वपूर्ण बातों का जिक्र करें। साथ ही हिंदी दिवस की महत्वता व इतिहास का जिक्र करना ना भूलें। छात्र नीचे दिए इस दोहे से अपने निबंध की शुरुआत कर सकते हैं।
स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़ी इस घटना का करें जिक्र, मातृभाषा के प्रति होगी गर्व की अनुभूति
हिंदी सीमा तोड़कर, उच्च गगन की ओर।
हिंदी की बिंदी सजी, आभा दिनकर भोर।।
हिंदी सीमा तोड़कर, चली विश्व के द्वार।
वैज्ञानिक आधार पर, प्रसिद्धि मिली अपार।।
जैसे रंगों के मिलने से
खिलता है बसंत,
वैसे भाषाओं की मिश्री सी
बोली है हिन्दी
इसके अलावा आप कविता या शायरी से भी निबंध की शुरुआत कर सकते हैं। निबंध लिखते समय ध्यान रहे कि इसमें भाषा या शब्दों की कोई श्रुटि नहीं होनी चाहिए। इसलिए निबंध पढ़ने वाले को पृष्ठ पर लाल पेन चलाने का मौका ना दें।
ऐसे बनाएं निबंध को सरल और शानदार
निबंध को सरल और दमदार बनाने के लिए, यहां केवल महत्वपूर्ण बातों का जिक्र करें। सबसे पहले इसकी एक रूपरेखा तैयार कर लें, इसे पांच भागों में विभाजित करें। इससे आपको निबंध लिखने में आसाना होगी और पढ़ने वाले को आपका निबंध काफी दिलचस्प और दूसरों से अलग लगेगा। ऐसे तैयार करें रूपरेखा.......
प्रस्तावना
कब और क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस
हिंदी दिवस का महत्व
हिंदी दिवस का इतिहास
हिंदी दिवस का वर्णन
यह महत्वपूर्ण बिंदू आपके निबंध को अन्य छात्रों से अलग बनाएंगे। यदि आप अपने निबंध की शुरुआत और अंत ऐसे करते हैं तो आपके शत प्रतिशत मार्क्स की गारंटी। आपका निबंध पूरे स्कूल में वाहवाही का विषय बन जाएगा।
क्या आप हैं हिंदी के उस्ताद? हिंदी दिवस के मौके पर देखें ये मुश्किल और मजेदार पहेलियां
ऐसे करें निबंध की शुरुआत
हिंदी हमारे स्वाभिमान और गर्व की भाषा है। हिंदी ने हमें एक नई पहचान दिलाई है, यह संपूर्ण विश्व में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में से एक है। हिंदी विश्व की सबसे प्राचीन, सरल और समृद्ध भाषाओं में से एक है। हिंदी संवैधानिक तौर पर राष्ट्रभाषा नहीं बन पाई, लेकिन हम भारतीय हिंदी को ही अपनी राष्ट्रभाषा मानते हैं। हिंदी भाषा विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे स्थान पर आती है। इसे भारतीय संस्कृति और संस्कारों की परिचायक माना जाता है। साल 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो देश के सामने एक राजभाषा के चुनाव को लेकर सबसे बड़ा सवाल था, क्योंकि भारत में हजारों भाषाएं और सैकड़ो बोलियां बोली जाती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए 14 सितंबर 1949 को हिंदी और इंग्लिश को राजभाषा के रूप में चुना गया। इस दिन से प्रत्येक वर्ष 12 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।
हिंदी दिवस पर भाषण देते समय ध्यान रखें ये टिप्स, सुपरहिट होगी स्पीच
निबंध के बीच महात्मा गांधी के इस वक्तव्य का करें जिक्र.........
महात्मा गांधी ने भी एक बार कहा था कि, जिस प्रकार ब्रिटेन में अंग्रेजी बोली जाती है और सारे कामकाज अंग्रेजी में किए जाते हैं, ठीक उसी प्रकार हिंदी को हमारे देश में राष्ट्रभाषा का सम्मान मिलना चाहिए। लेकिन इसके बावजूद भी क्यों हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान नहीं मिल पा रहा है। देश में सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषा के लिए भी दिवस मनाने की जरूरत क्यों पड़ रही है? कामकाज के क्षेत्र में या व्यवसाय के क्षेत्र में इंग्लिश का चलन क्यों बढ़ रहा है? इन पर भी आप अपने विचार रख सकते हैं।