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4 साल में मिल जाएगी ग्रैजुएशन-बीएड की डिग्री, इस सत्र से होगा लागू

Updated Oct 27, 2021 | 21:28 IST

Dual Bachelor Degree In Teaching: शिक्षा मंत्रालय ने अध्यापन के लिए Dual Bachelor Degree कोर्स को नोटिफाई कर दिया है। इसके तहत छात्र-छात्राओं को 4 साल में ग्रैजुएशन और बी.एड की डिग्री एक साथ मिल जाएगी।

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अध्यापन में मिलेगी 4 साल की ड्यूल ग्रैजुएशन डिग्री
मुख्य बातें
  • Dual Bachelor Degree के तहत बी.ए. बी.एड./बी.एस.सी. बी.एड/बी.कॉम. बी.एड.की डिग्री मिलेगी।
  • शुरूआत में इसे पायलट स्तर पर 50 संस्थानों द्वारा चलाया जाएगा।
  • 2030 से शिक्षकों की भर्ती ITEP के जरिए ही की जाएगी। ड्यूएल ग्रैजुएशन डिग्री से एक साल की बचत होगी।

Dual Bachelor Degree In Teaching: शिक्षा मंत्रालय ने चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) को नोटिफाई कर दिया है। इस कार्यक्रम के तहत अध्यापन के क्षेत्र में कैरियर बनाने वाले छात्र-छात्राओं को ड्यूल बैचलर डिग्री (Dual Bachelor Degree) मिलेगी। जो कि चार साल का पाठ्यक्रम होगा। इसके तहत छात्र-छात्राओं को बी.ए. बी.एड./बी.एस.सी. बी.एड. और बी.कॉम. बी.एड. (B.A. B.Ed./ B. Sc. B. Ed./B.Com. B.Ed)  के पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा। शुरूआत में यह पाठ्यक्रम पायलट स्तर पर चलाया जाएगा। लेकिन 2030 से शिक्षकों की भर्ती आईटीईपी के माध्यम से की जाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने इस तरह के पाठ्यक्रम की सिफारिश की थी।

कैसे काम करेगा 

अभी जो छात्रा-छात्राएं अध्यापन के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं। उन्हें बी.एड करने के लिए, पहले तीन साल की ग्रैजुएशन की पढ़ाई  करनी होती है। उसके बाद दो साल का बी एड कोर्स करना  होता है। नई व्यवस्था में वह ग्रैजुएशन और बीएड की पढ़ाई एक साथ कर सकेंगे। और उसे 5 साल की जगह 4 साल में पूरा कर पाएंगे। इसके जरिए छात्र-छात्राओं को बी.ए. बी.एड./बी.एस.सी. , बी.एड. और बी.कॉम. बी.एड. की ड्यूल बैचलर डिग्री एक साथ मिल जाएगी। इसका फायदा यह होगा कि छात्र-छात्राएं 12 वीं पास करने के बाद ऐसे पाठ्यक्रम में सीधे प्रवेश ले सकेंगे।

शुरूआत में 50 संस्थान चलाएंगे कोर्स

शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार शुरूआत में ड्यूल ग्रैजुएशन कोर्स 50 संस्थानों द्वारा शुरू किया जाएगा। जो  पायलट प्रोजेक्ट के रुप में शुरू होगा। एनसीटीई ने नए पाठ्यक्रम के तहत इतिहास, गणित, विज्ञान, कला, अर्थशास्त्र, या वाणिज्य जैसे विशेष विषयों के पाठ्यक्रम इस तरह तैयार किए है कि छात्र-छात्राओं को अध्यापन में डिग्री के साथ-साथ दूसरे विषयों में भी डिग्री मिल जाएगी।  चार वर्षीय आईटीईपी की शुरुआत शैक्षणिक सत्र 2022-23 से होगी। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा (एनसीईटी) के जरिए इस पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा। 

2030 से शिक्षकों की भर्ती केवल आईटीईपी के जरिए

मंत्रालय के अनुसार साल 2030 से शिक्षकों की भर्ती आईटीईपी के जरिए ही केवल की जाएगी। आईटीईपी न केवल अत्याधुनिक अध्यापन की कला सीखने में मदद करेगा, बल्कि प्रारंभिक बाल देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई), मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान , समावेशी शिक्षा, और भारत तथा इसके मूल्यों/लोकाचार/कलाओं/परंपराओं व अन्य चीजों की समझ विकसित करने में आधार तैयार करने का काम करेगा। आईटीईपी उन सभी छात्रों के लिए उपलब्ध होगा जो माध्यमिक शिक्षा के बाद शिक्षण को एक पेशे के रूप में लेना चाहते हैं।