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JEE, NEET परीक्षा के समर्थन में आए 150 से अधिक शिक्षाविद, पीएम को लिखा पत्र

Updated Aug 27, 2020 | 08:49 IST

अकादमिक जगत से जुड़े करीब 150 लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में जेईई/एनईईटी परीक्षा को कराने का समर्थन किया। शिक्षावदों ने कहा है कि अगर परीक्षा में देरी हुई तो कई छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा।

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JEE, NEET परीक्षा के समर्थन में आए 150 से अधिक शिक्षाविद
मुख्य बातें
  • NEET और JEE परीक्षा के समर्थन में आया अकादमिक जगत
  • परीक्षाओं में और देरी हुई तो छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा : शिक्षाविद
  • परीक्षा आयोजित करने में किसी भी तरह की देरी से छात्रों का कीमती वर्ष बर्बाद हो सकता है: शिक्षाविद

नई दिल्ली: भारत और विदेशों के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 150 से अधिक शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई (मुख्य) और नीट में यदि और देरी हुई तो छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा। बढ़ते कोविड-19 मामलों के मद्देनजर सितंबर में इन परीक्षाओं के आयोजन के खिलाफ हो रहे विरोध का उल्लेख करते हुए शिक्षाविदों ने अपने पत्र में कहा, ‘कुछ लोग अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए छात्रों के भविष्य के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं।’

कोविड की वजह से अनिश्चिता
पत्र में कहा गया है, ‘युवा और छात्र राष्ट्र का भविष्य हैं लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण, उनके करियर पर अनिश्चितताओं के बादल छा गए हैं। प्रवेश और कक्षाओं के बारे में बहुत सारी आशंकाएं हैं जिन्हें जल्द से जल्द हल करने की आवश्यकता है।’ पत्र में कहा गया है कि हर साल की तरह इस साल भी लाखों छात्रों ने अपनी कक्षा 12 की परीक्षाएं दी हैं और अब प्रवेश परीक्षाओं का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।

परीक्षा में देरी से बर्बाद हो जाएगा भविष्य

पत्र में कहा गया है, ‘सरकार ने जेईई (मुख्य) और नीट की तारीखों की घोषणा की है ... परीक्षा आयोजित करने में किसी भी तरह की देरी से छात्रों का कीमती वर्ष बर्बाद हो जाएगा। हमारे युवाओं और छात्रों के सपनों और भविष्य के साथ किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जा सकता है। हालांकि, कुछ लोग बस अपने राजनीतिक एजेंडे को चलाने और सरकार का विरोध करने के लिए हमारे छात्रों के भविष्य के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं।'

कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों के शिक्षाविद् शामिल

हस्ताक्षरकर्ताओं में दिल्ली विश्वविद्यालय, इग्नू, लखनऊ विश्वविद्यालय, जेएनयू, बीएचयू, आईआईटी दिल्ली और लंदन विश्वविद्यालय, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ यरुशलम और इजराइल के बेन गुरियन विश्वविद्यालय के भारतीय शिक्षाविद शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘हम मानते हैं कि केंद्र सरकार पूरी सावधानी बरतते हुए जेईई और नीट परीक्षाएं आयोजित कर लेगी, ताकि छात्रों के भविष्य का ध्यान रखा जा सके और 2020-21 के लिए अकादमिक कैलेंडर तैयार किया जा सके।’