नई दिल्ली: क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स में विश्व के टॉप 200 शिक्षण संस्थानों में तीन भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों ने अपनी जगह बनाई है। क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग्स में विश्व के टॉप 200 शिक्षण संस्थानों में आईआईटी बॉम्बे 177 वें, आईआईटी दिल्ली 185 वें और बैंगलूरू स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान 186वें स्थान पर आया है।
मंगलवार, 8 जून 2021 को क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स जारी की गई। आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली, और बैंगलूरू स्थित आईआईएससीं के अलावा कोई भी अन्य भारतीय शिक्षण संस्थान टॉप 200 में स्थान हासिल नहीं कर सका है।क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स में टॉप 400 विश्वविद्यालयों में आईआईटी मद्रास 255 वें नंबर पर है। आईआईटी खड़गपुर 280 वें स्थान पर और आईआईटी गुवाहाटी 395वें नंबर पर रहा है।
टॉप 1000 उच्च शिक्षण संस्थानों में भी भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों की मौजूदगी के लिहाज से कोई विशेष बदलाव नहीं हुआ है। वर्ष 2018 की रैंकिंग में कुल 20 भारतीय संस्थान इस रैंकिंग में शामिल थे। 2019 में 24, 2020 में 23 और इस वर्ष की रैंकिंग में 22 भारतीय संस्थानों ने विश्व के टॉप 1000 उच्च शिक्षण संस्थानों में जगह बनायी है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय इस बार अपना स्थान बनाने में कामयाब रहा
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय इस बार अपना स्थान बनाने में कामयाब रहा है । जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी जेएनयू को क्यू एस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 561-570 रैंकिंग बैंड में जगह दी गयी है। जेएनयू की वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2022 में यह शानदार एंट्री विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किए गए नए स्नातक स्तर के इंजीनियरिंग कोर्स के कारण हुई है।
वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स में दिल्ली विश्वविद्यालय को 501 - 510 रैंकिंग बैंड में जगह मिली है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को इस वर्ष की रैंकिग में टॉप 1000 में जगह नहीं मिल सकी है।
प्रधानमंत्री ने दी आईआईटी और भारतीय विज्ञान संस्थान को बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में स्थान बनाने वाले आईआईटी-बॉम्बे, आईआईटी-दिल्ली और भारतीय विज्ञान संस्थान- बैंगलुरु को बधाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के और अधिक विश्वविद्यालय, शिक्षण संस्थान वैश्विक उत्कृष्टता सुनिश्चित करें एवं युवाओं के बीच बौद्धिक कौशल का समर्थन हासिल करें, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।