- गृहमंत्रालय ने विश्वविद्यालयों को परीक्षा कराने की अनुमति दी
- शिक्षा सचिन को मंत्रालय की तरफ से लिखा गया खत
- अब हर किसी को यूजीसी गाइडलाइंस का इंतजार
नई दिल्ली। एक बड़ा संशय इस बात को लेकर था कि क्या विश्वविद्यालयों या यूजीसी से संबद्ध संस्थाओं को अनलॉक 2 पीरियड में परीक्षा कराने की इजाजत मिलेगी। अब इस संबंध में गृहमंत्रालय वे विश्वविद्यालयों और संस्थानों में अंतिन वर्ष की परीक्षा कराए जाने की अनुमति दे दी है। इसके लिए केंद्रीय शिक्षा सचिव को खत भी लिखा गया है। दरअसल किसी भी विश्वविद्यालय के लिए अंतिम वर्ष की परीक्षा संपन्न कराना आवश्यक होता है। ज्यादातर राज्यों ने कोरोना की वजह से परीक्षा कराने से इंकार कर दिया था।
गृहमंत्रालय ने परीक्षा की दी अनुमति
गृहमंत्रालय की अनुमति के बाद अब एग्जाम न होने के सस्पेंस पर विराम लग गया है कि एग्जाम नहीं होगा। अब हर किसी को यूजीसी की गाइडलाइंस का इंतजार है। 25 जून को जब कोरोना के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ तो यूजीसी के एक्सपर्ट पैनल ने 29 अप्रैल के फैसले को रिव्यू के लिए कहा था। अगर बात पंजाब सरकार की करें तो कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि इस संबंध में कोई भी फैसला केंद्र सरकार और यूजीसी के दिशानिर्देशों के बाद ही लिया जाएगा।
यूजीसी ने जारी की गाइडलाइंस
मानव संसाधन विकास मंत्री, रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि सोमवार को विश्वविद्यालय परीक्षाओं 2020 के लिए यूजीसी दिशानिर्देश जारी किया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, विश्वविद्यालय 'परीक्षा और शैक्षणिक कैलेंडर' पर यूजीसी के दिशानिर्देशों को संशोधित किया गया है लेकिन अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को रद्द नहीं किया गया है। परीक्षा आयोजित की जाए या नहीं, इस सवाल का जवाब देते हुए, यूजीसी ने जवाब दिया है कि परीक्षा वास्तव में आयोजित की जाएगी, और सितंबर 2020 के अंत तक आयोजित की जानी चाहिए।
छात्रों के परीक्षा और शैक्षणिक मूल्यांकन के महत्व को बताते हुए, यूजीसी ने कहा है कि टर्मिनल (अंतिम वर्ष) की परीक्षाएं विश्वविद्यालयों / संस्थानों द्वारा आयोजित की जानी चाहिए। नए दिशानिर्देश में ऑफलाइन (पेन और पेपर), ऑनलाइन को चुनने का विकल्प दिया गया है।
यूजीसी द्वारा जारी की गाइडलाइंस
- सितंबर के अंत तक विश्वविद्यालयों / संस्थानों द्वारा अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित की जानी हैं।
- विश्वविद्यालय / संस्थान किसी भी विधा का चयन कर सकते हैं - कलम और कागज, ऑनलाइन ंमोड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- बैकलॉग रखने वाले छात्रों के लिए परीक्षा अनिवार्य है। ऐसे छात्रों को ऑफ़लाइन, ऑनलाइन या मिश्रित मोड में परीक्षा आयोजित करके अनिवार्य रूप से मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
- यदि अंतिम वर्ष के छात्र किसी भी कारण से परीक्षा में उपस्थित नहीं हो पाते हैं, तो उन्हें ऐसे पाठ्यक्रम / पेपर के लिए विशेष परीक्षाओं में उपस्थित होने का अवसर दिया जा सकता है जो विश्वविद्यालय द्वारा और जब संभव हो तब आयोजित किए जा सकते हैं। यह एक समय विशेष उपाय के रूप में वर्तमान शैक्षणिक सत्र (2019-20) के लिए लागू है।
- मध्यवर्ती सेमेस्टर के बारे में दिशानिर्देश यूजीसी परीक्षा दिशानिर्देश 2020 के अनुसार 29 अप्रैल, 2020 को जारी किए गए हैं।
- ‘यदि आवश्यकता हो, तो विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रवेश और अकादमिक कैलेंडर से संबंधित प्रासंगिक विवरण पहले के दिशानिर्देशों में उल्लिखित के स्थान पर अलग से जारी किए जाएंगे’
कई दौर मंथन चला
मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक का कहना है कि उन्होंने यूजीसी से इंटरमीडिएट और टर्मिनल सेमेस्टर एग्जाम और एकेडमिक कैलेंडर के संबंध में विचार के लिए कहा था। यूजीसी ने सोमवार को विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को सलाह दिया था कि वो सितंबर के अंत में एग्जाम कराने की तैयारी करें। इसके साथ ही यूजीसी ने फाइनल ईयर एग्जाम के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन या दोनों विकल्पों के बारे में विचार करने का आग्रह किया था।