लाइव टीवी

UP Board 12th exam Cancelled:CBSE बोर्ड के बाद यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा रद्द, बड़ा फैसला

Updated Jun 03, 2021 | 13:07 IST

यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा रद्द हो गई है। CBSE के फैसले के बाद UP में भी इंटरमीडिएट की परीक्षाएं नहीं होंगी। इस संबंध में डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने ऐलान किया।

Loading ...
यूपी सरकार का बड़ा फैसला
मुख्य बातें
  • यूपी सरकार ने इंटरमीडिएट की परीक्षा रद्द की
  • डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने दी जानकारी
  • सीबीएसई बोर्ड के फैसले के बाद कई और राज्यों मे रद्द की हैं 12वीं की परीक्षा

यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा रद्द कर दी गई है। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने किया ऐलान,सीएम योगी के साथ बैठक के बाद किया ऐलान किया। 26 लाख छात्र 12वीं की परीक्षा में बैठने वाले थे। बता दें कि 10वीं की परीक्षा को पहली ही रद्द किया जा चुका है। बता दें कि सीबीएसई बोर्ड के फैसले के बाद अलग अलग राज्यों ने अपने यहां आयोजित परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया था। 12वीं की परीक्षा निरस्त करने वाले राज्यों ने कहा था कि छात्रों की स्वास्थ्य और सुरक्षा अहम है।

छात्रों की सुरक्षा का खास ख्याल
इंटरमीडिएट परीक्षा को रद्द किए जाने पर डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए यह फैसला किया गया है। सरकार के लिए छात्रों की सुरक्षा ही सर्वोपरि है। यूपी सरकार के इस फैसले के बाद छात्रों के साथ साथ अभिभावकों ने भी खुशी जाहिर की है। गोरखपुर के रहने वाले सत्यम का कहना है कि वैसे तो उनकी पूरी तैयारी थी। लेकिन सरकार ने मौजूदा हालात को देखते हुए बेहतर फैसला किया है। 

10वीं की परीक्षा पहले हुई थी रद्द
12वीं परीक्षा को रद्द किए जाने पर संस्पेंस बना हुआ था। प्रदेश के कोने कोने से इस तरह की मांग हो रही थी कि जिस तरह से सीबीएसई ने 12वीं की परीक्षा को रद्द कर दिया है ठीक उसी तरह प्रदेश सरकार को फैसला करना चाहिए। बता दें कि यूपी बोर्ड विश्व के बड़े शिक्षा बोर्ड में से एक है जिसमें हर साल लाखों की संख्या में छात्र शामिल होते हैं। बता दें कि इससे पहले सरकार ने 10वीं की परीक्षा को भी रद्द कर दिया था।

सीबीएसई और सीआईसीएसआई की परीक्षा पहले ही हुई थी रद्द
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसे यह जानकार खुशी है कि सरकार ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया है और उसने सीबीएसई तथा सीआईसीएसई को अंकों के मूल्यांकन के लिए उद्देश्यपरक मानदंड दो हफ्तों के भीतर पेश करने का निर्देश दिया है।न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल और सीआईएससीई की तरफ से पेश वकील जे के दास को दो हफ्तों के भीतर मानदंड पेश करने को कहा।

पीठ ने कहा, ‘‘हम खुश हैं कि सरकार ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का फैसला लिया है लेकिन हम चाहते हैं कि अंकों के मूल्यांकन के लिए सामान्य मानदंड हमारे समक्ष पेश किया जाए।’’पीठ ने स्पष्ट किया कि वह मानदंड पेश करने के लिए और वक्त नहीं देगी क्योंकि कई छात्र भारत तथा विदेश में कॉलेजों में दाखिले लेंगे।