- सीबीएसई 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया गया है
- कोरोना संकट को देखते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है
- अप्रैल में 12वीं की बोर्ड परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की गई थी
नई दिल्ली : कोरोना संकट के बीच सीबीएई की 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया गया है। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार शाम इस संबंध में अहम बैठक हुई। कोरोना संकट के बीच सरकार ने अप्रैल में सीबीएसई की 10वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया था, जबकि 12वीं की बोर्ड परीक्षा को स्थगित करने की जानकारी देते हुए कहा गया था कि इस संबंध में 1 जून, 2021 को दोबारा विचार किया जाएगा।
इस संबंध में जारी एक रिलीज में कहा गया है, 'कोविड-19 के कारण अनिश्चित माहौल को देखते हुए और संबंध में विभिन्न पक्षकारों से मिले फीडबैक के आधार पर यह फैसला लिया गया है कि इस बार 12वीं की बोर्ड परीक्षा नहीं होगी।' रिजल्ट को लेकर सरकार की ओर से कहा गया कि 12वीं कक्षा के नतीजे समयबद्ध तरीके से अच्छी तरह से परिभाषित वस्तुनिष्ठ मानदंडों के अनुसार तैयार किए जाएंगे।
'छात्रों के हित में लिया गया फैसला'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द करने का निर्णय छात्रों के हित में लिया गया है। छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं और उस संबंध में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परीक्षा को लेकर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों की उत्सुकता को समाप्त किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे तनाव भरे माहौल में छात्रों को परीक्षा में शामिल होने को लेकर दबाव नहीं डाला जाना चाहिए।
कैसे तैयार होंगे नतीजे?
12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का मूल्यांकन किस आधार होना है, इस बारे में अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। फिलहाल इस संबंध में यही बताया गया है कि रिजल्ट समयबद्ध तरीके से अच्छी तरह से परिभाषित वस्तुनिष्ठ मानदंडों के अनुसार तैयार किए जाएंगे।
सीबीएसई की ओर से इस संबंध में यह भी कहा गया है कि अगर कोई छात्र अपने परीक्षा मूल्यांकन से संतुष्ट नहीं है तो उसे परीक्षा में शामिल होने का विकल्प होगा। बोर्ड माहौल अनुकूल होने के बाद परीक्षा का आयोजन करेगा।
बैठक में मौजूद रहे कई मंत्री
12वीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, कैबिनेट सचिव और शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
लाखों छात्रों, उनके अभिभावकों के साथ-साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित सियासी जगत की हस्तियों ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। कोविड संक्रमण को देखते हुए छात्र, अभिभावक परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे।
इससे पहले पिछले महीने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में राज्यों के शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिवों की बैठक हुई थी, जिसमें अलग-अलग राज्यों की तरफ से अलग सुझाव आए थे। कुछ राज्यों ने जहां परीक्षा कराए जाने पर जोर दिया है, वहीं कुछ राज्यों ने कोविड महामारी के बीच परीक्षा टालने की अपील केंद्र सरकार से की है। बाद में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि इस बारे में कोई भी फैसला व्यापक विचार-विमर्श के बाद ही लिया जाएगा।