- पिछले 21 साल में उत्तराखंड में किसी पार्टी ने चुनावों में लगातार जीत हासिल नहीं की है।
- केदारनाथ धाम, ऑल वेदर प्रोजेक्ट, सड़क परियजनाओं, मेडिकल कॉलेज के जरिए भाजपा को फिर से सत्ता में आने की उम्मीद है।
- ऋषिकेश-कर्ण प्रयाग रेल प्रोजेक्ट भी मोदी सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है।
नई दिल्ली: करीब 21 साल पहले उत्तराखंड को राज्य के रूप में पहचान, केंद्र में मौजूद भाजपा सरकार के समय में ही मिली थी। लेकिन उसके बावजूद पार्टी राज्य का पहला चुनाव नहीं जीत पाई थी। और उस वक्त से 4 चुनावों ने ऐसा रिकॉर्ड बनाया कि हर बार राजनीतिक दल, ताल ठोक अपनी जीत का दावा नहीं कर पाते हैं। असल में राज्य में आज तक किसी भी दल ने लगातार चुनावी जीत हासिल नहीं की है।
ऐसे में भाजपा इस पैटर्न को तोड़ने की कोशिश में लगी हुई है। और उसका सारा दारोमदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उठा लिया है। इसीलिए वह लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री आज हल्द्वानी पहुंचे। उत्तराखंड का पिछले 4 महीने में मोदी का यह चौथा दौरा है।
कांग्रेस ने प्रदेश को किया पीछे , मोदी का आरोप
हल्द्वानी में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस का नाम लिए बगैर निशाना साधा। उन्होंने कहा आजादी के बाद से ही उत्तराखंड के लोगों ने दो धाराएं देखी हैं। एक धारा है पहाड़ को विकास से वंचित रखो और दूसरी धारा है पहाड़ के विकास के लिए दिन-रात एक कर दो। पहली धारा वाले लोग आपको हमेशा विकास से वंचित रखना चाहते हैं, पहाड़ों पर सड़क, बिजली और पानी पहुंचाने के लिए मेहनत करने से दूर भागते रहे। महत्वपूर्ण योजनाओं को लंबित रखा, जिसका खामियाजा राज्य की जनता को भुगतना पड़ा।
जाहिर है प्रधानमंत्री उत्तराखंड के लोगों को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं, कि केवल भाजपा सरकार ही उत्तराखंड का विकास कर सकती है। हल्द्वानी में उन्होंने, 17500 करोड़ रुपये की 23 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। पिछले 4 महीने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को देखा जाय तो साफ है कि भाजपा विकास योजनाओं को सत्ता में आने के लिए बड़ा हथियार मान रही है।
इन प्रोजेक्ट पर फोकस
1. चार धाम प्रोजेक्ट (आल वेदर प्रोजेक्ट)
बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री तक पहुंच आसान करने के लिए केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट का खाका तैयार किया है। जिसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 दिसंबर 2016 को किया था। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
सरकार इस प्रोजेक्ट के जरिए न केवल पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती है बल्कि चीन की सीमा तक सेना की पहुंच भी आसान करना चाहती है। जिससे कि 12 महीने सेना का मूवमेंट आसान हो सके। पूरी परियोजना 889 किलोमीटर लंबी है। जिस पर 11,700 करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है। अब तक 560 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जा चुका है।
2. केदारनाथ धाम प्रोजेक्ट
साल 2013 में उत्तराखंड में आई त्रासदी के बाद केदारनाथ को नए सिरे से तैयार करने पर केंद्र सरकार का फोकस रहा है। इसी कड़ी में 5 नवंबर 2021 को शंकराचार्य की मूर्ति का उद्घाटन भी प्रधानमंत्री किया था। और उस वक्त करीब 130 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। सरकार की योजना है कि केदारनाथ लोग केबल कार से पहुंच सके। इसके अलावा हेमकुंड साहेब को भी केबल कार से जोड़ने का काम चल रहा है। केदारनाथ में सरस्वती आस्थापथ एवं घाट के इर्दगिर्द सुरक्षा की दीवार, मंदाकिनी आस्थापथ के इर्दगिर्द सुरक्षा की दीवार, तीर्थ पुरोहित गृह और मंदाकिनी नदी पर गरुड़ चट्टी पुल आदि निर्माण कार्य भी किए गए हैं।
ये भी पढ़ें : अब ऐसा होगा चार धाम प्रोजेक्ट,जानें सुप्रीम कोर्ट के फैसले से क्या बदला
3.सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस
इसके पहले 4 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री ने देहरादून में करीब 18 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया था। इसके तहत दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर , हरिद्वार रिंग रोड परियोजना, देहरादून-पोंटा साहिब (हिमाचल प्रदेश) सड़क परियोजना, नजीबाबाद-कोटद्वार सड़क चौड़ीकरण परियोजना और लक्ष्मण झूला के पास गंगा नदी पर एक पुल का निर्माण शामिल है।
3. रेल प्रोजेक्ट
पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में भाजपा, रेल मार्ग के जरिए सत्ता में पहुंचने की भी कोशिश में हैं। इसके तहत ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल परियोजना और टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना को गेमचेंजर मान रही है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग 16216 करोड़ की लागत से तैयार हो रही है, जो कि 125 किमी लंबी है। इसे 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा टनकपुर से बागेश्वर तक ब्राडगेज लाइन बिछाने का लक्ष्य है।
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड सरकार ने कर्मचारियों को दी सौगात, बढ़ाया तीन फीसदी DA
4. एम्स और मेडिकल कॉलेज
जनता को लुभाने के लिए सरकार का एम्स और मेडिकल कॉलेज फोकस है। इसी के तहत यूएन नगर में एम्स ऋषिकेष का सेटेलाइट सेंटर, पिथौरागढ़ में जगजीवन राम गवमर्मेंट मेडिकल कॉलेज और हरिद्वार में एक मेडिकल कॉलेज की आधारशिला भी रखी जा चुकी है।
2022 के चुनावों के पहले भाजपा, जनता के बीच यह छवि बनाने की कोशिश कर रही है, कि राज्य का विकास अगर कोई सरकार कर सकती है तो वह भाजपा ही है। और वह डबल इंजन सरकार दे सकती है। ऐसे में तेजी से विकास होगा। हालांकि उसके सामने यह भी चुनौती है कि उसने 5 साल में 3 मुख्यमंत्री दिए हैं, और विपक्ष उसे बड़ा मुद्दा बना रहा है। अब देखना है कि भाजपा इन परियोजनाओं से राज्य का चुनावी इतिहास बदल पाती है या नहीं।
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में पीएम नरेंद्र मोदी ने लगाई दहाड़, सत्ताभाव नहीं अब सेवाभाव से चलने वाली सरकार है