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पश्चिमी यूपी में मुस्लिम वोटों का बिगड़ा समीकरण, कई सीटों पर दो से तीन उम्मीदवार,सपा का बिगड़ेगा खेल !

Updated Jan 19, 2022 | 13:09 IST

UP Assembly Election 2022: पश्चिमी यूपी में बसपा,एआईएमआईएम, कांग्रेस ने करीब दो दर्जन सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर, सपा-रालोद गठबंधन के समीकरण को बदल दिया है।

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बसपा-एआईएमआईएम-कांग्रेस ने उतारे मुस्लिम उम्मीदवार
मुख्य बातें
  • मेरठ, मेरठ दक्षिण, अलीगढ़, सिवालखास, लोनी, धौलाना, गढ़मुक्तेश्वर सीटों पर चुनाव हुआ दिलचस्प
  • इमरान मसूद सहारनपुर में सपा का बिगाड़ सकते हैं खेल
  • पश्चिमी यूपी में 20 फीसदी जाट और 30 से 40 फीसदी मुसलमान, करीब 55 सीटों पर सीधा असर डालते हैं।

नई दिल्ली: कांग्रेस छोड़ सपा में शामिल होने के बाद, टिकट का झटका खा चुके इमरान मसूद अब, धर्म के आधार पर एकजुटता की बात कर रह हैं। उनका एक वीडियो वायरल हो रहा हैं, जिसमें मसूद कहते हुए नजर आ रहे हैं कि 'अरे दूसरों के पैर पकड़वा रहे। तुम मुसलमान सीधे हो जाओ तो सारे मेरे पैर पकड़ते फिरेंगे।' मसूद के ये तेवर पश्चिमी यूपी में बदलते समीकरण के संकेत हैं। असल में बसपा और एआईएमआईएम  उम्मीदवारों की लिस्ट ने पश्चिमी यूपी के चुनाव में मुस्लिम मतों के बंटने की संभावना बढ़ा दी है। जिसका सीधा नुकसान समाजवादी पार्टी को हो सकता है।

पश्चिमी यूपी की करीब 25 सीटें ऐसी हैं, जहां पर  मुस्लिम मतों में बंटवारा हो सकता है। ऐसे में मुस्लिम, जाट वोटों की एकजुटता की योजना बना रहे, अखिलेश यादव के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है। और अगर वोट बंटता है तो उसकी सीधा फायदा भाजपा को मिल सकता है। जो कि किसान आंदोलन के बाद पश्चिमी यूपी में बैक फुट पर है।

इन सीटों पर मुस्लिम वोट बंटने के आसार

अभी सपा, बसपा, कांग्रेस और एआईएमआईएम द्वारा जारी उम्मीदवारों की लिस्ट के अनुसार पश्चिमी यूपी में कैराना, छपरौली, बागपत,सिवालखास, किठौर, मेरठ, मेरठ दक्षिण, मेरठ कैंट, लोनी, धौलाना, गढ़मुक्तेश्वर, कोल, अलीगढ़, मीरापुर,शिकारपुर, सहारनपुर देहात, बेहट, मुजफ्फरनगर सदर, बिथरी चैनपुर, बरेली, नजीबाबाद, मुरादाबाद ग्रामीण, मुरादाबाद शहर, रामपुर, मीरगंज, बुलंदशहर से मुस्लिम उम्मीदवार है। अहम बात यह है कि इनमें से कई ऐसी सीटें जहां पर कांग्रेस और एआईएमआईएम ने पहले ही मुस्लिम उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है, जबकि सपा-रालोद को उम्मीदवार का ऐलान करना बाकी है। ऐसे में अगर सपा-रालोद इन सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारती है या नहीं भी उतारती है, तो वोटों का बंटना तय है।

इन सीटों पर होगा दिलचस्प चुनाव

मेरठ और मेरठ दक्षिण की सीटों पर दो मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं अलीगढ़ और सिवालखास की सीट पर तीन मुस्लिम उम्मीदवार है। वहीं लोनी, धौलाना, गढ़मुक्तेश्वर, मुजफ्फरनगर सहित पश्चिमी यूपी के 12 विधानसभा क्षेत्रों में एआईएमआईएम की एंट्री से भी चुनाव दिलचस्प हो गया है। अब देखना है यह है कि सपा-रालोद गठबंधन गढ़ मुक्तेश्वर, मेरठ दक्षिण, सरधना, मुजफ्फरनगर में किन उम्मीदवारों को मैदान में उतारती है।

सपा को मुस्लिम-जाट फैक्टर से बड़ी जीत की उम्मीद

समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन ने पश्चिमी यूपी के लिए जो 29 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है। उसमें से 9 उम्मीदवार मुस्लिम है। इसमें सपा के 10 और रालोद के 19 उम्मीदवार मैदान में हैं। जाहिर है कि अखिलेश यादव मुस्लिम-जाट फैक्टर से पश्चिमी यूपी में, पहली बार बड़ी सेंध लगाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। 

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असल में इस क्षेत्र में करीब 20 फीसदी जाट और 30 से 40 फीसदी मुसलमान हैं। और दोनों मिलकर करीब 55 सीटों पर निर्णायक असर डालते हैं। अखिलेश यादव इसी समीकरण ये यह उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें बड़ी जीत मिलेगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार इसी विश्वास का नतीजा है, अखिलेश यादव ने इमरान मसूद को पार्टी शामिल कर भी उन्हें नाराज करने का जोखिम उठाया है। अब देखना यह है कि करीब दो दर्जन सीटों पर बसपा और एआईएमआईएम द्वारा मुस्लिम उम्मीदवार उतारने की चुनौती से अखिलेश यादव और जयंत चौधरी कैसे मुस्लिम वोट को बंटने से रोकते हैं।

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