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चुनाव के बीच वाराणसी में नेताओं का रेला, रविदास जयंती के बहाने वोटर्स पर नजर !

Updated Feb 16, 2022 | 07:56 IST

देश आज संत रविदास जी की जयंती मना रहा है। इस खास दिन पर पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी वाराणसी दौरे पर है जिसे सियासी तौर पर अहम माना जा रहा है।

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चुनाव के बीच वाराणसी में नेताओं का रेला, रविदास जयंती के बहाने वोटर्स पर नजर !
मुख्य बातें
  • पंजाब में 20 फरवरी को विधानसभा चुनाव
  • रविदासी समाज चुनावी प्रक्रिया पर डालता है असर
  • 16 फरवरी को रविदास जयंती पर कांग्रेस के नेता वाराणसी दौरे पर

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बुधवार को रविदास जयंती के अवसर पर वाराणसी के रविदास मंदिर के दर्शन करने की उम्मीद है। 14 फरवरी को कांग्रेस पार्टी ने यूपी विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची जारी की थी और इस सूची में चन्नी का नाम भी शामिल था। बता दें कि रविदास जयंती की वजह से ही पंजाब के सीएम ने चुनाव को 14 फरवरी से कम से कम एक हफ्ते टालने की अपील की थी। उनकी मांग पर पंजाब का चुनाव 14 फरवरी से टालकर 20 फरवरी किया गया। 

वाराणसी में कांग्रेस के नेता
चरणजीत सिंह चन्नी और प्रियंका गांधी का वाराणसी दौरा अलग अलग समय पर निर्धारित बताया जा रहा है। कहा जाता है कि इस यात्रा की योजना पंजाब और उत्तर प्रदेश दोनों में दलित वोटों को ध्यान में रखकर बनाई गई थी जहां विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। प्रियंका गांधी के कांग्रेस वायनाड के सांसद राहुल गांधी के साथ सुबह करीब 11 बजे वाराणसी पहुंचने की उम्मीद है। दोनों नेता पूजा अर्चना करने सीधे रविदास मंदिर जाएंगे। इसके बाद प्रियंका घर-घर जाकर प्रचार के लिए कानपुर जाएंगी।

यूपी चुनाव पर भी नजर
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस अवसर पर वाराणसी में होंगे और एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए लगभग 9:45 बजे मंदिर पहुंचने की उम्मीद है।8 फरवरी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के समर्थन में प्रचार करने लखनऊ गई थीं। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस और वर्चुअल रैली को भी संबोधित किया था जिसमें मतदाताओं से सपा के पक्ष में वोट करने के लिए कहा था। यादव ने पिछले साल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस का समर्थन किया था।

क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि पंजाब के वोटर्स में रविदासी समाज की संख्या चुनाव को प्रभावित करती है। यह समाज परंपरागत तौर पर कांग्रेस के लिए वोट करता रहा है। लेकिन आम आदमी पार्टी और दूसरे राजनीतिक दलों की सक्रियता की वजह से कांग्रेस किसी तरह का संकट मोल नहीं लेना चाहती है, लिहाजा यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि उनके लिए संत रविदास कितने महत्वपूर्ण हैं। पंजाब में चुनाव के टाले जाने के बाद कांग्रेस की तरफ से बयान आया कि वो रविदास जी विचारों के कितने करीब है।
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