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Elections Results: आप के हाथ आया पंजाब, गोवा में खुला खाता, यूपी-उत्तराखंड में सूपड़ा साफ 

Updated Mar 10, 2022 | 21:44 IST

AAP's Performence in Legislative Assembly Elections 2022: आम आदमी पार्टी ने पंजाब में विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड जीत हासिल की। आप गोवा में खाता खोलने में सफल हुई लेकिन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में उसका सूपड़ा साफ हो गया।  

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आम आदमी पार्टी
मुख्य बातें
  • आम आदमी पार्टी ने पंजाब की सत्ता पर किया कब्जा
  • गोवा में खोला आप ने खाता, जीतीं दो सीटें
  • उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में नहीं खुल पाया आप का खाता

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने पंजाब के विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड सीटें जीतकर इतिहास रच दिया है। 117 सीटों वाली पंजाब विधानसभा में 92 सीट पर आप ने अपने नाम की हैं लेकिन इसके अलावा उत्तर भारत के दो अहम राज्यों उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी आप ने अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था लेकिन उनकी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई। 

आप का उत्तराखंड में हुआ सूपड़ा साफ
उत्तराखंड में उनके मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कर्नल अजय कोटियाल गंगोत्री सीट से चुनावी मैदान में थे और वो तीसरे पायदान पर रहे। उन्हें 6,161 वोट मिले। उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी ने सभी 72 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन वो वहां पर कुल 3.31 प्रतिशत वोट हासिल कर सकी। 

यूपी में मिले आप को ओवैसी की पार्टी से भी कम वोट 
वहीं उत्तर प्रदेश के बारे में बात करें तो आम आदमी पार्टी ने 403 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन वो वहां पर केवल 0.38 प्रतिशत वोट हासिल कर सकी। यहां तक कि ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को आप से ज्यादा वोट(0.48) मिले। 

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गोवा में खुला आप का खाता 
पंजाब के अलावा आम आदमी पार्टी गोवा में 2 सीट जीतने में सफल हुई है। वहां उसे 6.77 प्रतिशत वोट मिले हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी अब राष्ट्रीय पार्टी बनने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। छोटे राज्यों में उसकी साख बढ़ रहे हैं। 

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आम आदमी पार्टी ने बढ़ाए राष्ट्रीय पार्टी बनने की ओर कदम
आम आदमी पार्टी का गठन अन्ना आंदोलन के बाद साल 2012 में हुआ था। उसके बाद से वो लगातार तीन बार दिल्ली में सरकार बना चुकी है। ऐसे में वो अन्य राज्यों में लगातार विस्तार की कोशिश कर रही है। लेकिन पंजाब में 8 साल की कड़ी मेहनत का उन्हें इनाम मिला है। साल 2017 में आप पंजाब में प्रमुख विपक्षी दल बनने में सफल हुई थी लेकिन पांच साल बाद उन्होंने अन्य विपक्षी दलों के उम्नीदवारों पर झाड़ू फिराते हुए सूपड़ा साफ कर दिया और सत्ता पर काबिज हो गई है। दिल्ली मॉडल को पंजाब में लागू करने के आप ने वादा किया था और पूरे देश की नजर अब पंजाब की नई सरकार पर होगी। जहां उन्हें पूर्ण राज्य की सरकार के रूप में सत्ता मिलेगी।