- किसान आंदोलन में हरियाणा-पंजाब के किसानों को एकजुट करने में गुरूनाम सिंह चढूनी की अहम भूमिका थी।
- किसान आंदोलन करीब एक साल चला और सरकार द्वारा किसानों की मांग मानने के बाद अब किसान घर लौट गए हैं।
- पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भाजपा के साथ गठबंधन का ऐलान किया है।
नई दिल्ली: किसान आंदोलन की सफलता ने किसान नेताओं में नया जोश भर दिया है। ऐसे में अब वह अपनी लड़ाई राजनीति के जरिए करने की तैयारी में हैं। पंजाब-हरियाणा के प्रमुख किसान नेता गुरूनाम सिंह चढूनी आज अपनी नई पार्टी का ऐलान कर दिया है। उनकी पार्टी का नाम संयुक्त संघर्ष पार्टी होगा। उन्होंने कहा कि आज की राजनीति प्रदूषित हो गई है। केवल पूंजीवाद को बढ़ावा देने के लिए काम करती है। आम आदमी के लिए कुछ नहीं किया जाता है।
कौन हैं गुरूनाम सिंह चढूनी
भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी उन नेताओं में से है जिन्होंने किसान आंदोलन के दौरान बड़ी तादाद में हरियाणा के किसानों को एकजुट करने का काम किया और करीब एक साल तक किसानों को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा किसान आंदोलन की जमीन तैयार करने में भी उनकी अहम भूमिका मानी जाती है।
तीन कृषि कानून वापसी से किसानों में नया जोश
करीब एक साल बाद केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लेने और किसानों पर दायर केस वापस लेने के ऐलान और एमएसपी पर कमेटी बनाने के फैसले को किसान नेता अपनी बड़ी जीत मान रहे हैं। और इसके बाद वह दिल्ली की सीमाओं से घर वापसी कर चुके हैं। और अपने क्षेत्रों में जश्न मनाते हुए पहुंच रहे हैं। जहां उनका स्थानीय लोगों द्वारा स्वागत भी किया जा रहा है।
पंजाब में बदलते राजनीतिक समीकरण
पंजाब विधानसभा चुनाव इस बार काफी दिलचस्प होते जा रहे हैं। एक तरफ जहां नई पार्टियां बन रही हैं, वहीं नए गठबंधन का भी ऐलान हो रहा है। कल (शुक्रवार) को भाजपा और कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस के साथ गठबंधन का ऐलान किया। इसी तरह शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी पहले ही गठबंधन का ऐलान कर चुके हैं। जबकि आम आदमी पार्टी और सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अभी तक किसी के साथ गठबंधन नहीं किया है। इस बीच गुरूनाम सिंह चढूनी की नई पार्टी नए समीकरण खड़ी कर सकती है।