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योगी आदित्यनाथ पर तंज सपा- कांग्रेस को कहीं पड़ न जाए भारी, जानें क्या है मामला

Updated Feb 24, 2022 | 08:19 IST

10 मार्च के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का ठिकाना कहां होगा। इस सिलसिले में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरह उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत अपनी राय जाहिर कर चुके हैं।

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योगी आदित्यनाथ पर तंज सपा- कांग्रेस को कहीं पड़ न जाए भारी, जानें क्या है मामला
मुख्य बातें
  • 10 मार्च को आएंगे यूपी के नतीजे
  • सात चरणों में हो रहा है चुनाव
  • चार चरण के चुनाव हो चुके हैं संपन्न

10 मार्च को यूपी, उत्तराखंड समेत सभी पांच राज्यों के चुनावी नतीजे सामने आ जाएंगे। 10 मार्च को यूपी की सत्ता पर कौन काबिज होता है। लेकिन उससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि बाबा मुख्यमंत्री को लखनऊ से गोरखपुर का टिकट कटा लेना चाहिए क्योंकि यूपी की जनता ने उनकी विदाई सुनिश्चित कर दी है। अखिलेश यादव की सुर में सुर मिलाते हुए उत्तराखंड कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत का भी कुछ ऐसा ही सोचना है। 

'यूपी में बीजेपी हार रही है'
हरीश रावत का कहना है कि उत्तराखंड से भी बीजेपी का जाना तय है। यूपी में योगी आदित्यनाथ की चुनावी हार के बाद वो उत्तराखंड में कुटिया बनाने के लिए जमीन देंगे। हरीश रावत का मानना है कि जिस तरह से उत्तराखंड की जनता ने बीजेपी को नकार दिया है, ठीक वैसे की चार चरणों के चुनाव के बाद अब तस्वीर साफ हो चुकी है। बीजेपी की हार तय है और जब ऐसा होगा तो सीएम योगी आदित्यनाथ को खुद के बारे में सोचना होगा। लेकिन उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। 

अखिलेश यादव भी कस चुके हैं तंज
हरीश रावत योगी आदित्यनाथ को उत्तराखंड में कुटिया बनाने के लिए जमीन देने की बात करते हैं तो अखिलेश यादव बार बार कहते हैं कि यूपी के बाबा सीएम ने तो चुनावी प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही गोरखपुर भेज दिया था। अब जो रुझान सामने आ रहे हैं उससे एक बात साफ है कि बाबा सीएम को लखनऊ से गोरखपुर के लिए टिकट कटा लेना चाहिए। यूपी की जनता ने तय कर लिया है कि लखनऊ की गद्दी पर कौन काबिज होने जा रहा है। 

क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि चुनावी प्रचार के दौरान अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए इस तरह के बयान दिए जाते हैं। लेकिन इसका काउंटर असर भी पड़ता है। अगर बार बार किसी भी राजनीतिक शख्सियत पर व्यक्तिगत हमले हों तो आम जनमानस मे उसके लिए संवेदना का भाव पैदा होता है। इस तरह की टिप्पणियों से नुकसान और फायदा होने के चांस फिफ्टी फिफ्टी रहते हैं। सवाल यह है कि जिस शख्स पर इस तरह की टिप्पणी की जाती है तो वो उसका जवाब किस अंदाज में देता है। 

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