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BSP में शामिल हुईं निर्भया-हाथरस केस की वकील सीमा कुशवाहा, चुनाव लड़ने पर सस्पेंस

Updated Jan 21, 2022 | 07:52 IST

UP assembly elections 2022 : सीमा कुशवाहा ने कहा कि अभी उन्होंने चुनाव लड़ने के बारे में फैसला नहीं किया है लेकिन पार्टी यदि उन्हें यह जिम्मेदारी देती है तो वह पीछे नहीं हटेंगी। उन्होंने कहा कि उनका मकसद बसपा में शामिल होकर समाज के वंचित वर्ग को न्याय दिलाना है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
बसपा में शामिल हुईं सीमा कुशवाहा।

आगरा : साल 2012 के निर्भया गैंगरेप का केस लड़ने वाली और हाथरस गैंगरेप एवं मर्डर मामले में पीड़ितों का पक्ष रखने वाली सुप्रीम कोर्ट की वकील सीमा कुशवाहा गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हुईं। टीओआई से बातचीत में कुशवाहा ने कहा कि वह बसपा सुप्रीमो मायावती से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, 'मायावती ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया है और महिला होने के नाते वह इस वर्ग की परेशानियों एवं मुश्किलों को समझती हैं।' 

'यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े'
सुप्रीम कोर्ट की वकील ने कहा कि मायवाती के शासन के दौरान उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था काफी अच्छी थी। कुशवाहा पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की मौजूदगी में बसपा में शामिल हुईं। उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ गए हैं। मैं ऐसे कई केस लड़ रही हैं जिसके पीड़ित हाथरस केस जैसे दलित हैं। अब मैं कानूनी लड़ाई जारी रखने के साथ-साथ कानून भी बनाना चाहती हूं। यह केवल राजनीति में शामिल होने पर ही संभव है।' 

'मौका मिला तो चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटूंगी'
सीमा कुशवाहा ने कहा कि अभी उन्होंने चुनाव लड़ने के बारे में फैसला नहीं किया है लेकिन पार्टी यदि उन्हें यह जिम्मेदारी देती है तो वह पीछे नहीं हटेंगी। उन्होंने कहा कि उनका मकसद बसपा में शामिल होकर समाज के वंचित वर्ग को न्याय दिलाना है। महिलाओं को मुफ्त रूप में कानूनी सलाह देने के लिए कुशवाहा ने पिछले साल जुलाई में एक ट्रस्ट की स्थापना की।  साल 2012 में जब निर्भया केस हुआ तो उस समय कुशवाहा ट्रेनी थीं। निर्भया को न्याय दिलाने के वह प्रदर्शनों में शामिल हुईं। साल 2014 में वह पूर्ण रूप से निर्भया केस में वकील बनीं। 

साल 2020 में कुशवाहा ने हाथरस रेप एवं मर्डर पीड़िता के परिजनों को कानूनी मदद की पेशकश की। हाथरस में केस की सुनवाई के दौरान उन्हें एक वकील ने कथित रूप से धमकी दी लेकिन उन्होंने केस की पैरवी करनी नहीं छोड़ी।