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सवाल पब्लिक का: भारत में हो रहे चुनावों में पाकिस्तान क्यों बन रहा है मुद्दा?

Updated Jan 24, 2022 | 22:45 IST

Sawal Public Ka : उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब तक पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। यहां स्थानीय मुद्दे न होकर पाकिस्तान मुद्दा बन गया है। बीजेपी ने अखिलेश को और अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू को पाकिस्तान परस्त बताया। 

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चुनावों पर सवाल पब्लिक का
मुख्य बातें
  • आज एक बार फिर यूपी और पंजाब के चुनावी मैदान में पाकिस्तान की जोरदार एंट्री हुई।
  • उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब तक, पाकिस्तान फिर चुनाव का मुद्दा बन ही गया।
  • चुनाव उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत 5 राज्यों में हो रहा है तो वहां नेताओं के मुद्दे क्या होने चाहिए ?

Sawal Public Ka : अखिलेश यादव ने टाइम्स ग्रुप को एक इंटरव्यू दिया तो बीजेपी ने उनपर आरोप लगाया और उन्हें पाकिस्तान-परस्त बताया। इकोनॉमिक टाइम्स के साथ इंटरव्यू में अखिलेश यादव ने कहा था कि डॉ राम मनोहर लोहिया और मुलायम सिंह यादव का साफ मानना था कि हमारा असली दुश्मन चीन है। पाकिस्तान हमारा राजनीतिक दुश्मन है। लेकिन बीजेपी अपनी वोट पॉलिटिक्स के चलते सिर्फ पाकिस्तान को निशाने पर लेती है।

इंटरव्यू की इन लाइनों को पकड़कर बीजेपी ने अखिलेश यादव को घेर लिया। यूपी का मुद्दा अभी चल ही रहा था कि पंजाब के चुनाव में भी पाकिस्तान ने एंट्री ले ली। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दावा किया कि नवजोत सिंह सिद्धू को मंत्री बनवाने के लिए इमरान खान ने फोन करवाया था। यानी अमरिंदर सिंह, इमरान खान के दोस्त सिद्धू को भारत में उनका एजेंट घोषित कर रहे हैं। हालांकि अभी तक सिद्धू की तरफ से इस आरोप पर कोई जवाब नहीं आया है लेकिन आज पब्लिक का सवाल है कि क्या उत्तर प्रदेश और पंजाब में पाकिस्तान का मुद्दा चुनाव जितवाएगा ?

संबित पात्रा ने कहा कि  एक तरफ जहां पूरा देश उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस मना रहा है। वहीं अखिलेश यादव ने एक साक्षात्कार में कहा कि पाकिस्तान हिन्दुस्तान का असली दुश्मन नहीं है। (जो जिन्ना से करे प्यार वो पाकिस्तान से कैसे करे इनकार। मैं सीना ठोक के कहता हूं कि अगर अखिलेश का बस चलता तो याकूब मेमन को भी नाहिद हसन के साथ चुनावी मैदान में उतार देते।

अमरिंदर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान से मुझे ये मैसेज आया कि प्रधानमंत्री ने ये रिक्वेस्ट की है कि अगर आप सिद्धू को अपनी कैबिनेट में ले लेंगे तो मैं आपका शुक्रगुजार रहूंगा। उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब तक, पाकिस्तान फिर चुनाव का मुद्दा बन ही गया। फोन आया जिसे मैं भी जानता हूं और वो भी जानते हैं। उसने कहा कि उन्होंने रिक्वेस्ट की है कि अगर सिद्धू को आप अपनी सरकार में ले सकते हो तो ले लो, और अगर काम नहीं करेगा तो निकाल देना। अगर मिस्टर सिद्धू काम नहीं करेगा तो निकाल देना। मैं पाकिस्तान की बात कर रहा हूं।

क्या पाकिस्तान के बिना भारत का चुनाव पूरा नहीं होता?

क्या पाकिस्तान से भारत के चुनाव में वोट मिलते हैं, अगर हां, तो किसे?

कौन है जो पाकिस्तान को भारत के चुनावों में लेकर आया है?

किसने पाकिस्तान के नाम पर चुनावों में ध्रुवीकरण कराने की कोशिश की है?

ये सवाल पब्लिक के हैं, लेकिन अखिलेश पर बीजेपी के हमले के बाद पलटवार समाजवादी पार्टी भी कर रही है।

उत्तर प्रदेश वो राज्य है जहां पहले से ही 80 बनाम 20 की लड़ाई छिड़ी है, और इसमें पाकिस्तान का छौंका ध्रुवीकरण करा सकता है। उत्तर प्रदेश में तकरीबन 20% मुसलमान वोटर हैं। 403 में से 140 सीटों पर मुस्लिम वोट प्रभावी है। और ध्रुवीकरण हुआ तो पूर्वी से लेकर पश्चिमी यूपी तक जाति गठबंधनों से लेकर किसान कार्ड तक धरे के धरे रह जाएंगे।

राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली में 13 महीने की ट्रेनिंग के बाद अगर चुनाव में बताना पड़े कि क्या रहेगा इसका मतलब किसानों की ट्रेनिंग कच्ची रही। हिंदू-मुस्लिम और जिन्ना उत्तर प्रदेश के सरकारी मेहमान हैं। 15 मार्च तक यहां पर रहेंगे। सरकारी स्टेज से प्रवचन देंगे।

पाकिस्तान पर उत्तर प्रदेश की राजनीति संवेदनशील है, लेकिन पंजाब, पाकिस्तान से सटा राज्य है। वहां सिद्धू को इमरान खान का एजेंट घोषित करने की अमरिंदर सिंह की कोशिश राष्ट्रवाद के मुद्दे को गरमा सकती है।

नवजोत सिंह सिद्धू कई बार कह चुके हैं कि इमरान उनका यार है। लेकिन उनका ये यार उनको मंत्री बनाने के लिए पैरवी भी करता है, अमरिंदर का ये दावा बड़ा है और कांग्रेस को परेशान करने वाला है।

पाकिस्तान को लेकर ये तनाव चुनाव तक है, या इसका निशाना दूर तक है? पब्लिक इस पर सवाल पूछ रही है।

सवाल पब्लिक का ये है कि 
1. यूपी-पंजाब में बिजली-सड़क-पानी पर वोट मिलेंगे या पाकिस्तान पर ?
2. क्या पाकिस्तान के नाम पर चुनावी ध्रुवीकरण की कोशिश हो रही है ?
3. क्या पाकिस्तान के बहाने पब्लिक के मुद्दे दबाने की कोशिश हो रही है ?