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UP Elections 2022 : यूपी में कब होंगे विधानसभा चुनाव, जानें पिछले विस चुनाव के नतीजे और वोट प्रतिशत

Updated Dec 19, 2021 | 12:50 IST

UP Assembly Election 2021 Dates, Schedule : भारतीय जनता पार्टी अपने साढ़े चार साल के विकास कार्यों एवं कानून-व्यवस्था को मुद्दा बना रही है। तो अखिलेश यादव बेरोजगारी, महंगाई और किसानों को मुद्दा बनाकर योगी सरकार पर हमले कर रहे हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
2017 विस चुनाव में भाजपा को मिली प्रचंड जीत।

UP Assembly Election 2022 Dates, Schedule : साल 2021 में पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव हुए। जबकि 2022 में सात राज्यों उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर और गोवा में विस चुनाव होंगे। इनमें से पांच राज्यों यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में एक साथ अगले साल की शुरुआत में चुनाव होंगे जबकि गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश में अगले साल के अंत में चुनाव हो सकते हैं। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव सबसे अहम माना जा रहा है। राज्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार की वापस करा पाएंगे कि नहीं इस पर सबकी नजरें लगी हैं। 

नए गठबंधनों ने चुनाव को दिलचस्प बनाया

उत्तर प्रदेश के चुनाव में आम आदमी पार्टी की एंट्री और नए गठबंधनों ने चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। राज्य में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच माना जा रहा है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ रहे हैं। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। चुनाव आयोग ने अभी तिथियों की घोषणा नहीं की है लेकिन सभी राजनीतिक दल अभी से चुनाव-प्रचार में जुट गए हैं। दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप और जुबानी जंग तेज हो गई है।

भाजपा ने विकास एवं कानून-व्यवस्था को बना रही चुनावी मुद्दा

भारतीय जनता पार्टी अपने साढ़े चार साल के विकास कार्यों एवं कानून-व्यवस्था को मुद्दा बना रही है। तो अखिलेश यादव बेरोजगारी, महंगाई और किसानों को मुद्दा बनाकर योगी सरकार पर हमले कर रहे हैं। बसपा अपनी सोशल इंजीनियरिंग पर एक बार फिर भरोसा जता रही है तो कांग्रेस को अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन की तलाश है। चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आएगा। वैसे-वैसे राजनीतिक समीकरण ज्यादा स्पष्ट होंगे। कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय भी हो सकता है।

सपा ने किया सबसे ज्यादा गठबंधन

विधानसभा चुनाव के लिए सपा ने सबसे ज्यादा करीब 10 दलों से गठबंधन किया है। अन्य दलों के साथ भी गठबंधन की बातचीत चल रही है। सपा का रालोद, सुभासपा, महान दल, एनसीपी, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), अपना दल (कमेरावादी) से गठबंधन हो चुका है। दलित नेता चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से गठबंधन की बातचीत जारी है। शिवपाल सिंह यादव से भी सपा का गठबंधन होगा। अखिलेश की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष एवं अपने चाचा शिवपासल सिंह यादव के साथ हुई मुलाकात में गठबंधन पर मुहर लगी है। 

छोटे जातिगत दल भी भाजपा के साथ

उत्तर प्रदेश में भाजपा का अपना दल (सोनेलाल) से गठबंधन है। अपना दल (सोनेलाल) का पूर्वांचल की सीटों पर अच्छी पकड़ है। खासकर यह कुर्मियों की पार्टी मानी जाती है। राज्य में यादवों के बाद ओबीसी में सबसे ज्यादा वोट कुर्मियों का है। अपना दल ने 2017 का चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा था।  भाजपा का निषाद पार्टी से भी समझौता है। निषाद पार्टी का पूर्वांचल में केवट, बिंद और नोनिया जैसी पिछड़ी जातियों पर अच्छा खासा प्रभाव है। 2022 के चुनाव में 7 छोटे दलों रामधनी बिन्द की भारतीय मानव समाज पार्टी, चन्द्रमा वनवासी की मुसहर आन्दोलन मंच (गरीब पार्टी), बाबू लाल राजभर की शोषित समाज पार्टी,  कृष्णगोपाल सिंह कश्यप की मानवहित पार्टी, भीम राजभर की भारतीय सुहेलदेव जनता पार्टी,  चन्दन सिंह चौहान की पृथ्वीराज जनशक्ति पार्टी और महेंद्र प्रजापति की भारतीय समता समाज पार्टी ने भाजपा का समर्थन करने की घोषणा की है। 

2017 और 2012 के चुनाव नतीजे

पिछले विधानसभा चुनाव की अगर बात करें तो विधानसभा की 403 सीटों में से भाजपा को 312 और उसके सहयोगी दलों को 13 सीटें मिली थी। यानि कि भाजपा 325 सीटें जीतने में सफल हुई। समाजवादी पार्टी को 47,  बहुजन समाज पार्टी को 19 और कांग्रेस को 7 सीटें मिलीं। इस चुनाव में भाजपा को 39.7%, सपा को 21.8%, बसपा को 22.2% और कांग्रेस को 6.25% वोट मिले। वहीं, 2012 के विस चुनाव में समाजवादी पार्टी को 224 सीटें, बसपा को 80, भाजपा को 47, कांग्रेस को 28 और रालोद को 9 सीटें मिलीं। इस चुनाव में सपा को 29.13%, बसपा को 25.91%, बीजेपी को 15%, कांग्रेस को 11.65% और आरएलडी 2.33% वोट मिला। 

इस चुनाव में कांग्रेस महिला सुरक्षा को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाना चाहती है। उसने इस बार 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने का फैसला किया है। महिलाओं के लिए जारी अलग घोषणापत्र में उन्हें लुभाने के लिए कई घोषणाएं की गई हैं।