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UP Elections Result 2022: पूर्वांचल के सभी जिलों में बीजेपी को मिलीं सीटें लेकिन आजमगढ़ और गाजीपुर में सूपड़ा साफ

Updated Mar 11, 2022 | 09:15 IST

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों को घोषित किया जा चुका है। एक बार फिर बीजेपी सरकार ने वापसी की है जिसके साथ रिकॉर्ड शब्द भी जुड़ गया है। करीब 37 साल बाद कोई सत्तारुढ़ सरकार को जनता ने दोबारा मौका दिया।

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UP Elections Result 2022: पूर्वांचल के सभी जिलों में बीजेपी को मिलीं सीटें लेकिन आजमगढ़ और गाजीपुर में सुपड़ा साफ
मुख्य बातें
  • सातवें चरण के चुनाव में बीजेपी और सपा दोनों के गठबंधन को 27-27 सीटें मिलीं
  • बीजेपी गठबंधन को 9 सीटों का नुकसान हुआ
  • सपा गठबंधन को 16 सीटों का फायदा

देश के सबसे बड़े सूबों में से एक बीजेपी एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है। यकीनन बीजेपी की सीट संख्या 2017 के मुकाबले घटी है। लेकिन 202 के जादुई आंकड़े से वो काफी आगे है। बीजेपी के खाते में 255 सीटें आईं हैं जबकि घटक दलों के साथ यह संख्या 273 है। इन सबके बीच प्रदेश में कुछ ऐसे जिले हैं जहां बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया है यानी कि बीजेपी ने 2017 में जितनी भी सीट हासिल करने में कामयाब हुई है उतनी सीट भी नहीं मिली है। यहां हम बात करेंगे पूर्वांचल के जिलों की। पूर्वांचल में बीजेपी को आजमगढ़ और गाजीपुर को छोड़कर सभी जिलों में कामयाबी मिली है। लेकिन इन दोनों जिलों में सूपड़ा साफ हो गया है। 

आजमगढ़-गाजीपुर में बीजेपी का सूपड़ा साफ
आजमगढ़ में विधानसभा की कुल 10 सीटें हैं। यहा सभी सीटों पर सपा या उसके गठबंधन दलों को कामयाबी मिली है। इसके साथ ही गाजीपुर जिले की सभी सात सीटों पर सपा और उसके सहयोगी कामयाब रहे हैं। सातवें चरण के चुनाव में कुल 54 सीटों पर मतदान हुआ था और जो नतीजे आए हैं उनमें बीजेपी गठबंधन के खाते में 27 और सपा गठबंधन के खाते में 27 सीटें गई हैं। अगर 2017 से तुलना करें तो बीजेपी गठबंधन को 9 सीटों का नुकसान और सपा गठबंधन को 16 सीटों का फायदा हुआ है। 

बीजेपी के खिलाफ गया जातीय समीकरण
जानकार बताते हैं कि 2017 में इस इलाके में बीजेपी का सुभासपा यानी ओमप्रकाश राजभर की पार्टी से गठबंधन था। अगर 2017 के नतीजों को देखें तो सुभासपा की वजह से गाजीपुर में बीजेपी को सीट मिली। लेकिन इस दफा उनके हटने के बाद बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ा है। इस दफा के चुनाव में बीजेपी और सपा गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर रही। जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर लोगों ने मतदान भी किया और जातीय वर्ग को साधने में बीजेपी कहीं ना कहीं नाकाम रही। अगर जहूराबाद की बात करें तो सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को एक लाख से अधिक मत मिले जबकि उनके प्रतिद्वंदी बीजेपी के कालीचरण राजभर को 68 हजार वोट हासिल हुआ और हार जीत का अंतर 30 हजार मतों से अधिक था। 

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