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योगी सरकार 2.0: 14 दिन के मंथन से निकले 52 सिपहसालार, जानें CM आदित्यनाथ ने साधे कौन से निशाने

Updated Mar 25, 2022 | 22:10 IST

Yogi Adityanath Cabinet List: योगी आदित्यनाथ के 52 सदस्यों वाले मंत्रिमंडल में 2 उप मुख्यमंत्री सहित 18 कैबिनेट मंत्री , 14 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की दूसरी बार शपथ ली है।
मुख्य बातें
  • जातिगत समीकरण, प्रोफेशनल्स और अनुभव के सहारे 2024 को साधने की कोशिश की गई है।
  • योगी मंत्रिमंडल में एक मात्र मुस्लिम चेहरा दानिश आजाद अंसारी को शामिल किया गया है।
  • अपना दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल और निषाद समाज पार्टी के डॉ संजय निषाद को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला है। 

Yogi Cabinet list: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव आने के बाद 15 वें दिन योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार शपथ ली है। योगी आदित्यनाथ के साथ 52 मंत्रियों (UP Cabinet) ने भी शपथ ली है। मंत्रिमंडल पर दिल्ली और लखनऊ के बीच हुए मंथन की छाप पूरी तरह दिखती है।  कोशिश यही है कि मंथन से निकले इन 52 सिपहसालार के जरिए 2024 की नैया भी पार लग जाए। इसके लिए जातिगत समीकरण साधने से लेकर प्रोफेशनल और युवाओं को शामिल कर न्यू यूपी के विजन को पूरा करने की कोशिश की गई है।

ऐसा है जातिगत समीकरण

52 सदस्यों वाले मंत्रिमंडल में 2 उप मुख्यमंत्री सहित 18 कैबिनेट मंत्री , 14 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली है। इसमें 21 सवर्ण, 20 ओबीसी, 7 दलित सहित सिख, मुस्लिम आदि समुदायों को प्रमुख रूप से जगह मिली है। जाहिर है योगी आदित्यनाथ ने 2024 को देखते हुए सभी जातियों को साधने की कोशिश की है।

ब्रजेश ठाकुर और केशव प्रसाद मौर्य क्यों बने उप मुख्यमंत्री

पिछली सरकार में केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को उप मुख्यमंत्री बनाकर ब्राह्मण-ओबीसी समीकरण साधने की कोशिश की गई थी। उसी समीकरण को इस बार भी साधा गया है। बस दिनेश शर्मा की जगह ब्रजेश पाठक को चेहरा बनाया गया है। लखनऊ कैंट के विधायक ब्रजेश पाठक पिछले कार्यकाल में भी मंत्री थे। ब्राह्मण चेहरा, लोकप्रियता और साफ सुथरी छवि उनके प्रमोशन में काम आई है।

वहीं हार के बावजूद केशव प्रसाद मौर्य को उप मुख्यमंत्री बनाने से साफ है कि भाजपा ओबीसी वोटर के लिए कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। और साथ ही केशव प्रसाद मौर्य को भी नाराज नहीं करना चाहती है। इसी तरह वर्तमान  प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को कैबिनेट में जगह देकर ओबीसी चेहरे को तरजीह दी गई है।

बनारस को खास तरजीह

योगी मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस को खास तवज्जो मिली है। बनारस के शिवपुर से विधायक अनिल राजभर, वाराणसी उत्तर से विधायक रवींद्र जायसवाल और वाराणसी से भाजपा नेता दयाशंकर मिश्र दयालु को कैबिनेट में जगह मिली है। अनिल राजभर पहले भी मंत्री थे और इस बार चुनाव में उन्होंने ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को शिकस्त दी है।

बनारस की तरह कानपुर देहात से भी तीन मंत्री बनाए गए हैं।अजीत पाल, प्रतिभा शुक्ला और राकेश सचान को भी इस बार मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। हालांकि इस बार 8 बार के विधायक सतीश महाना को कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है।  

क्षेत्र के हिसाब आधार पर देखा जाय तो पश्चिमी यूपी से 16 , पूर्वांचल से 15, अवध से 6, रुहेलखंड से 5, मध्य यूपी से 6, बुंदेलखंड से 4 मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। पश्चिमी यूपी में जाट और किसानों को साधने के लिए बेबी रानी मौर्य, लक्ष्मीनारायण चौधरी,  भूपेंद्र सिंह,  धर्मपाल सिंह, कपिलदेव अग्रवाल और पूर्व सीएम कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह को भी जगह मिली है।

इसी तरह पूर्वांचल से बनारस के तीन नेताओं के अलावा जौनपुर सदर से गिरिश चंद्र यादव , बलिया सदर से दयाशंकर सिंह, ओबरा से संजीव सिंह और बलिया से दानिश आजाद और सलेमपुर से दलित चेहरा विजय लक्ष्मी गौतम, पथरदेवा से सूर्य प्रताप शाही को भी जगह मिली है।

प्रोफेशनल्स और अनुभव को तरजीह

जैसी संभावना थी मंत्रिमंडल में प्रोफेशनल्स और अनुभव को तरजीह दी गई है। भाजपा के दलित चेहरे के रुप में बेबी रानी मौर्य को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। वह उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी है। इसके अलावा वह राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं।

कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए जितिन प्रसाद को फिर से मंत्रिमंडल में जगह मिली है। ब्राह्मण चेहरा होने के साथ यूपीए सरकार में मंत्री होने का अनुभव भी उनके दोबारा मंत्री बनने में काम आया है। गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी और पीएमओ में अधिकारी रह चुके अरविंद कुमार शर्मा को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी करीबी माना जाता है। 

कानपुर के पूर्व पुलिस कमिश्नर और आईपीएस अधिकारी असीम अरुण को भी जगह मिली है। इसी तरह दयाशंकर मिश्र 'दयालु'  का साइंस बैकग्राउंड है और वह डीएवी कॉलेज में प्राचार्य भी रहे है। वहीं कानपुर देहात की सिकंदरा सीट से विधायक अजीत पाल सिंह को राज्यमंत्री बनाया गया है । वह केमिकल इंजीनियर के तौर पर प्रोफेशनल्स के रूप में अपनी सेवाएं निजी क्षेत्र में दे चुके हैं।

ओबीसी मुस्लिम पर बड़ा दांव

योगी मंत्रिमंडल में एक मात्र मुस्लिम चेहरा दानिश आजाद अंसारी को शामिल किया गया है। दानिश को मंत्री बनाना  भाजपा का बड़ा दांव है। उन्होंने शिया समुदाय से आने वाले मोहसिन रजा की जगह ली है। साफ है कि भाजपा दानिश के जरिए सुन्नी मुसलमानों खास तौर से ओबीसी मुसलमानों में पैठ बनाना चाहती है। 

सहयोगियों का भी ध्यान 

बीजेपी ने अपने दो सहयोगियों अपना दल और निषाद समाज पार्टी का भी खास ध्यान रखा है। अपना दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल और निषाद समाज पार्टी के प्रमुख डॉ संजय निषाद को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला है। 

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