- 16 दिसंबर 1971 को भारत ने पाक को युद्ध में हरा दिया था।
- जेपी दत्ता की फिल्म बॉर्डर 1971 भारत-पाक युद्ध पर आधारित थी।
- बॉर्डर फिल्म में ऐसी कई घटना दिखाई गई थी जो वास्तविक नहीं थी।
मुंबई. 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा क्षण था। 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया था और नए देश बांग्लादेश का निर्माण हुआ। इस युद्ध की सबसे अहम लड़ाइयों में से एक थी लोंगेवाला की लड़ाई। इसी युद्ध पर जेपी दत्ता की ब्लॉकबस्टर फिल्म बॉर्डर आधारित थी।
लोंगेवाला का युद्ध पश्चिमी क्षेत्र में लड़ा गया। इस युद्ध में सिख रेजिमेंट के 120 भारतीय सैनिकों ने पूरी रात पाकिस्तानी सेना को रोका था। सिख रेजिमेंट की कमान कुलदीप सिंह चांदपुरी के हाथ में थी।
फिल्म में कुलदीप सिंह चांदपुरी का किरदार सनी देओल ने निभाया था। बॉर्डर फिल्म में दिखाया गया है कि इस युद्ध में कई भारतीय सैनिक मारे गए थे। हालांकि, असली में केवल दो सैनिक शहीद हुए थे। वहीं, पाकिस्तान के 300 सैनिक शहीद हुए थे।
ये थे असली धर्मवीर
अक्षय खन्ना ने फिल्म में धर्मवीर का किरदार निभाया था। फिल्म में दिखाया है कि धर्मवीर युद्ध में शहीद हो गया है। हालांकि, असल जिंदगी में धर्मवीर जिंदा हैं और फिलहाल गुड़गांव में रहते हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में धर्मवीर ने कहा, 'अक्षय खन्ना मेरे से एक बार मिले थे। उन्होंने मेरे दोनों बच्चे और वाइफ के साथ फोटो भी क्लिक की है। मेरा बेटा भी आर्मी ऑफिसर है।'
गुमनामी में जी रहे हैं भैरोंसिंह
बॉर्डर फिल्म में सुनील शेट्टी ने भैरों सिंह का किरदार निभाया था। फिल्म में जहां भैरोंसिंह की मौत हो गई थी। वहीं, रिएल लाइफ में भौरोंसिंह गुमनामी में जी रहे हैं। भैरों सिंह साल 1987 में रिटायर्ड हो गए थे।
भैरोंसिंह राठौड़ बीएसएफ की 1971 में जैसलमेर के लोंगेवाला पोस्ट पर 14 बटालियन में तैनात थे। 1971 के युद्ध मे राठौड़ को तत्कालीन मुख्यमंत्री बरकतुल्लाह खान ने सेना मेडल से नवाजा था।