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61 Years of Mughal-E-Azam: गाने में दिलीप कुमार ने पहने थे सोने के जूते, एक नहीं दो 'मधुबाला' आईं थीं नजर

Updated Aug 09, 2021 | 09:32 IST

61 Years of Mughal-E-Azam: श्रेष्‍ठतम फ‍िल्‍मों की बात आती है तो मुगल-ए-आजम का नाम शीर्ष पर होता है। इस फ‍िल्‍म को रिलीज हुए 61 साल हो चुके हैं।

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Dilip Kumar and Madhubala
मुख्य बातें
  • 5 अगस्‍त 1960 को र‍िलीज हुई थी सदी की सर्वश्रेष्‍ठ फ‍िल्‍मों में शुमार मुगल-ए-आजम
  • डायरेक्‍टर के आस‍िफ ने बनाई थी सलीम और अनारकली की प्रेम कहानी पर फ‍िल्‍म

61 Years of Mughal-E-Azam: हिंदी सिनेमा 110 साल से अधिक पुराना हो चुका है। इस लंबे कालखंड में जब भी श्रेष्‍ठतम फ‍िल्‍मों की बात आती है तो मुगल-ए-आजम का नाम शीर्ष पर होता है। इस फ‍िल्‍म को रिलीज हुए 61 साल हो चुके हैं लेकिन आज भी जब टीवी पर इसका प्रसारण होता है तो दर्शक मंत्रमुग्‍ध हो जाते हैं। यह फ‍िल्‍म कई मायने में खास थी। सितारों की अदाकारी से लेकर सेट तक, सब कुछ एक दम परफेक्‍ट था। डायरेक्‍टर के आस‍िफ ने 'मुगल-ए-आजम' मुगल बादशाह मोहम्मद जलालुद्दीन अकबर के बेटे सलीम और अनारकली की प्रेम कहानी पर बनाई थी जो पहले 1940 में रिलीज होने वाली थी। पहले इस फ‍िल्‍म में एक्टर सप्रू चंद्रमोहन और नरगिस ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं। बाद में 20 साल बाद इस फ‍िल्‍म को नई स्‍टार कास्‍ट के साथ र‍िलीज क‍िया गया। इस बार पृथ्‍वीराज कपूर, दिलीप कुमार और मधुबाला को मुख्‍य भूमिकाओं में लिया गया।

ऐसा कहना भी गलत नहीं होगा कि के आसिफ का जन्‍म ही 'मुगल-ए-आजम' बनाने के लिए हुआ था। चुंकि हर नायाब चीज को तराशने में वक्‍त लगता है और इस बात को सिद्ध किया था के आसिफ ने। 5 अगस्‍त 1960 को र‍िलीज हुई सदी की सर्वश्रेष्‍ठ फ‍िल्‍मों में शुमार मुगल-ए-आजम ऐसी फ‍िल्‍म थी जिसे बनाने में डायरेक्‍टर ने सारी दौलत और अपनी जिंदगी के 14 साल लगा दिए थे। ‘मुंबई टॉकीज’ में जब मुगल-ए-आजम की शूट‍िंग शुरू हुई तो भारत और पाकिस्तान का व‍िभाजन होने लगा। फिल्म के प्रोड्यूसर सिराज भारत से पाकिस्तान चले गए और यह फिल्म की शूटिंग रुक गई। 

इसके बाद 1952 में एक बार फ‍िर नए प्रोड्यूसर और नए एक्टर्स के साथ इसकी शूट‍िंग शुरू हुई। ज‍िस समय मुगल-ए-आजम बनी थी उस वक्‍त फ‍िल्‍में 10 से 15 लाख में बन जाया करती थीं लेकिन यह फ‍िल्‍म 1.5 करोड़ में बनकर तैयार हुई थी। के आस‍िफ इस फ‍िल्‍म के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहते थे। यही वजह थी क‍ि उन्‍होंने पूरे परफेक्‍शन के साथ इसे बनाया। उन्‍होंने इस फिल्म के लिए 72 गाने लिखवाए थे। 

गाने से जुड़ी खास बात

इस फ‍िल्‍म का फेमस गाना 'जब प्‍यार क‍िया तो डरना क्‍या' 105 घंटे में ल‍िखा गया था और इस गाने को शूट करने में 10 लाख रुपये खर्च हो गए थे। इस गाने में शीशमहल का सेट समय पर न बनने की वजह से फिल्म दो साल तक रुकी रही।गाने में दिलीप कुमार ने सोने के जूते पहने थे जबकि एक सीन के लिए सच्‍चे मोती इकट्ठे किए गए थे। इन दोनों कारणों से फिल्म काफी वक्‍त रुकी रही। के आसिफ की सनक ही थी कि उन्‍होंने दिलीप कुमार को सोने के जूते पहनाए। उनका मानना था कि इन जूतों को पहनकर चेहरे पर जो चमक आएगी, उसका कोई तोड़ नहीं होगा। 

गाने में दिखीं दो 'मधुबाला' 

फिल्म के गीत 'प्यार किया तो डरना क्या...' को 105 गानों को रिजेक्ट करने के बाद नौशाद साब ने चुना था। इस गाने को लता मंगेशकर ने स्टूडियो के बाथरूम में जाकर गाया था। खासबात ये भी है कि इस गाने में दो मधुबाला नजर आईं। मधुबाला एक बहुत ही शानदार एक्ट्रेस थीं, मगर डांस में वह थोड़ी कमजोर थीं। इस गाने में उन्‍हें डांस करना था और आसिफ कोई रिस्‍क नहीं लेना चाहते थे। मूर्तिकार बी आर खेड़कर ने आसिफ को सलाह दी कि वह मधुबाला के डांस स्टेप्स प्रोफेशनल डांसर से करवाएं। उसके बाद मशहूर डांसर लक्ष्मी नारायण को मुखौटा पहनाकर डांस करवाया था। 

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