- बांद्रा कोर्ट के बाद अब अंधेरी कोर्ट ने कंगना के खिलाफ जांच का आदेश दिया है।
- कंगना रनौत और उनकी बहन पर साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने का आरोप लगा।
- एडवोकेट और शिकायतकर्ता काशिफ अली खान ने दर्ज कराया था मामला।
बॉलीवुड अदाकारा कंगना रनौत की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बांद्रा कोर्ट के बाद अब अंधेरी कोर्ट ने उनके खिलाफ जांच का आदेश दिया है। कंगना रनौत और उनकी बहन पर सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दो धर्मों के बीच साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने के आरोप लगाए गए थे। एडवोकेट और शिकायतकर्ता काशिफ अली खान ने अंधेरी कोर्ट में रंगोली और कंगना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसपर आज अंधेरी कोर्ट 66 में सुनवाई हुई।
काशिफ ने सेक्शन 121, 121A, 124A,153A ,153B, 295A, 298, और 505 के तहत शिकायत दर्ज करवाई थी। सुनवाई के बाद अंधेरी कोर्ट ने कंगना रनौत और बहन रंगोली के खिलाफ अंबोली पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं और जल्द ही उन्हें समान जारी करने को कहा है। काशिफ ने आरोप लगाया कि कंगना में कानून के प्रति उनके मन मे कोई सम्मान नहीं हैं और ना ही किसी का खौफ है। आज वो खुद को कानून से ऊपर मानती हैं। वह संविधान में दी गई बोलने की आजादी का गलत फायदा उठा रही हैं।
पहले ही राजद्रोह मामले में किया गया तलब
कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल के खिलाफ बांद्रा पुलिस स्टेशन में राजद्रोह मामले की जांच चल रही है। कंगना और रंगोली के खिलाफ कथित तौर पर धार्मिक भेदभाव फैलाने के लिए एफआईआर दर्ज की गई थी। मुंबई पुलिस ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं 153A, 295A और 124-A के तहत शिकायत दर्ज की और समन भी जारी किया था। कंगना और उनकी बहन रंगोली ने मुंबई पुलिस के सामने पेश होने के लिए 15 नवंबर तक का समय मांगा है। कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी ने बताया कि दोनों बहनें अपने भाई की शादी की तैयारियों में होमटाउन में व्यस्त हैं।
कंगना रनौत के इस ट्वीट पर उठे थे सवाल
कंगना ने कुछ टाइम पहले ट्वीट कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के साथ मुंबई की तुलना की थी। उनके इस ट्वीट से विवाद छिड़ गया और शिवसेना के साथ एक तीखी बहस हुई। अपनी शिकायत में सैय्यद ने रंगोली चंदेल पर भी सोशल मीडिया पर 'आपत्तिजनक टिप्पणी' करने का भी आरोप लगाया। नियमों का उल्लंघन करने के लिए अप्रैल 2020 में रंगोली का ट्विटर हैंडल निलंबित कर दिया गया था। मुंबई से पहले कर्नाटक में भी एक्ट्रेस के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी।