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बप्पा लहरी का खुलासा- 'लता मंगेशकर की मौत से लगा था बप्पी लहरी को धक्का, घर जाने की कर रहे थे जिद'

Updated Feb 23, 2022 | 12:42 IST

Bappi Lahiri Son Bappa Lahiri: बप्पी लहरी के बेटे बप्पा लहरी ने अपने पिता के आखिरी दिनों के बारे में खुलकर बात की है। बप्पा ने बताया कि बप्पी दा को लता मंगेशकर के निधन से गहरा धक्का लगा था।

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Bappi Lahiri Son Bappa Lahiri
मुख्य बातें
  • बप्पी लहरी के निधन को एक हफ्ते पूरे हो गए है।
  • बप्पी लहरी के बेटे बप्पा लहरी ने उनके आखिरी दिनों के बारे में बात की।
  • बप्पा लहरी ने कहा कि बप्पी दा को लता मंगेशकर की मौत से गहरा धक्का लगा था।

Bappi Lahiri son Bappa Lahiri: बप्पी लहरी के निधन को एक हफ्ते से ज्यादा वक्त बीत गया है। 15 फरवरी 2022 को बप्पी लहरी ने अंतिम सांस ली थी। अब उनके बेटे बप्पा लहरी ने उनके आखिरी दिनों के बारे में बताया। बप्पा के मुताबिक बप्पी दा को लता मंगेशकर के निधन से गहरा धक्का पहुंचा था। वहीं, मौत से एक दिन पहले बप्पी दा घर जाने की जिद कर रहे थे।  

ई टाइम्स से बातचीत में बप्पा लहरी ने कहा, 'बप्पी लहरी अस्पताल में एक महीने से ज्यादा वक्त भर्ती थे। हर बार जब मैं पापा को कॉल करता था तो वह कहते कि उन्हें वापस घर जाना है। वह कहते रहते- 'घर चलो, घर चलो। 15 फरवरी की शाम को उन्हें चक्कर आ रहे थे।वहीं, उनकी मौत की वजह दिल का धड़कना बंद हो गया था। उन्हें सांस लेने में बिल्कुल भी तकलीफ नहीं थी।  पिताजी को 14 फरवरी के दिन अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। उस रात वह ठीक नहीं लग रहे थे। 

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देखभाल के लिए घर पर थीं दो नर्स
बप्पा लहरी इंटरव्यू में आगे कहते हैं, 'मेरी मम्मी ने कहा, 'ठीक है बाद में थोड़ा खा लेना। उनकी देखभाल के लिए दो नर्स थीं। घरवालों ने डॉक्टर को कॉल किया तो उन्होंने कहा कि इन्हें अस्पताल ले जाने की जरूरत है। उन्हें अस्पताल ले जाया गया पर वह ठीक नहीं हो सके। मैं लगातार फोन से उनके संपर्क में था। मैं अभी भी ये बात नहीं पचा पा रहा हूं कि वह अब हमारे बीच नहीं है। मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है। मैं उनके साथ कई शो किया करता था। मेरी उनके साथ कई यादें हैं।'  

लताजी की मौत से लगा धक्का
 बप्पा लहरी आगे कहते हैं, 'मेरे पिता को लताजी की मौत से गहरा धक्का लगा था। वह उन्हें मां कहकर पुकारा करते थे। उन्होंने पिताजी की बहुत मदद की थी। एक आदमी कोलकाता से आया जिसने अपने बलबूते इतना कुछ हासिल किया।' 

बकौल बप्पा, 'वह अस्पताल में थे तब भी म्यूजिक को नहीं छोड़ा। वह अपने बेड के पास रखी टेबल को बजाया करते थे। एक दिन उन्होंने अस्पताल में जोर-जोर से गाना गाया था। मेरी मां ने कहा, 'क्या कर रहे हो?'

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