Bollywood Throwback Rekha and Hrishikesh mukherjee: साल 1973 की नमक हराम, 1977 की आलाप और 1980 में आई फिल्म खूबसूरत आज भी वैसे ही देखा जाती हैं जैसे वर्षों पहले। हिंदी सिनेमा की बेहद खूबसूरत अदाकारा रेखा ने इन तीनों फिल्मों में अपने अभिनय से दर्शकों के दिल को खूब धड़काया। इन फिल्मों ने रेखा के करियर को ना केवल नई पहचान थी बल्कि बुलंदी का स्वाद भी चखाया।
इन तीनों शानदार फिल्मों को बनाने वाले थे डायरेक्टर ऋषिकेश मुखर्जी। रेखा को जानने वाले, पहचानने वाले और चाहने वाले उन्हें इसी नाम से पुकारते थे लेकिन अदाकारा रेखा को एक नए नाम से बुलाते थे। लेकिन ऋषिकेश मुखर्जी रेखा को हमेशा दूसरे नाम से बुलाते थे। यह नाम था 'चिन्ना पोन्नू'। तमिल भाषा के इस शब्द का मतलब होता है नन्ही मुन्नी बच्ची।
ऋषिकेश मुखर्जी के लिए रेखा बेटी थीं और वह उन्हें बेहद दुलार करते थे। वह ऋषिकेश मुखर्जी ही थे जिन्होंने रेखा के ऊपर से सेक्स सिंबल का लेबल हटाया और उन्हें एक शानदार अदाकारा के रूप में स्थापित किया। ऋषिकेश मुखर्जी ने 1978 में आई रेखा की फिल्म मुकद्दर का सिकंदर देखी और रेखा से कहा कि इस फिल्म में तुम्हारे भीतर की खूबसूरत औरत को दिखाया गया है और मैं एक दिन तुम्हारे भीतर छिपे खूबसूरत इंसान को बाहर लाउंगा जो अभी तक अनदेखा है। इस बात का खुलासा खुद रेखा ने किया था।
इसके बाद 1980 में आई खूबसूरत में रेखा के भीतर छिपा वह खूबसूरत इंसान नजर आया। दर्शकों ने इस फिल्म को खूब पसंद किया। इस फिल्म से रेखा एक सहज कलाकार बनकर उभरीं। इस फिल्म ने रेखा को उनका पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड भी दिलाया था। इससे पहले उनकी फिल्में घर और मुकद्दर का सिकंदर भी फिल्मफेयर के लिए नामित हुई थीं।