- नेपोटिज्म पर बोलते हुए चंकी पांडे का खुलासा- 'डॉक्टर नहीं बन पाया इसलिए एक्टर बना'
- भाई-भतीजावाद को लेकर बेटी अनन्या के ट्रोल होने पर भी दिया जवाब
- अभिनेता का बयान- मुझे नहीं पता नेपोटिज्म और इनसाइडर-आउट साइडर शब्द कहां से आए
मुंबई: चंकी पांडे दशकों से फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा हैं और वह सफलतापूर्वक अपनी छाप छोड़ने में कामयाब भी रहे हैं। भाई-भतीजावाद और अंदरूनी व बाहरी लोगों को लेकर छिड़ी बहस के बीच वरिष्ठ अभिनेता ने अपनी बेटी अनन्या पांडे को लेकर इस बारे में बात की है। एक समाचार पोर्टल के साथ इंटरव्यू में 'इनसाइडर-आउटसाइडर' शब्द के बारे में बात करते हुए, चंकी ने कथित तौर पर कहा कि उन्हें यह भी पता नहीं है कि यह शब्द कैसे आया।
उनके अनुसार जिस क्षण आप एक फिल्म साइन करते हैं, आप एक अंदरूनी व्यक्ति बन जाते हैं और यह आपका पहला काम है जो आपको एक इनसाइडर बनाता है। उन्होंने यह भी कहा कि इंडस्ट्री की चीजें नहीं बदली हैं। यह सबके लिए एक समान खेल का मैदान है।
डॉक्टर बनना चाहते थे चंकी पांडे:
चंकी पांडे की बेटी अनन्या पांडे को बॉलीवुड में नेपोटिज्म के चलते जगह मिलने की बातें कही जाती रही हैं। इस बारे में बोलते हुए एक्ट्रेस के पिता ने खुलासा किया कि वह खुद एक डॉक्टर बनना चाहते थे लेकिन नहीं बन सके। उनके पिता एक प्रसिद्ध हार्ट सर्जन थे और उनकी मां भी एक डॉक्टर थीं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके। फिर वह अभिनेता बन गए। उनके अनुसार, आज बच्चे तय करते हैं कि वे क्या करना चाहते हैं।
'लोग सोचते थे- मेरी किसी ने सिफारिश की थी'
चंकी पांडे ने भाई-भतीजावाद को लेकर अपनी बेटी अनन्या पांडे पर लगातार निशाना साधे जाने के बारे में भी खुल कर बात की। उन्होंने कहा कि जब वह फिल्म उद्योग में आए थे, तो यह कहा गया था कि किसी ने उनकी सिफारिश की थी। चंकी के अनुसार, यह तब बहुत बड़ी बात थी। हालांकि, उन्हें लगता है कि इसके साथ जीना होगा और इस बारे में बहस नहीं की जा सकती।