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धर्मेंद्र के प्‍यार में इस कदर पागल थीं मीना कुमारी, धोखा मिलने के बाद हालत हो गई थी खराब

Updated Sep 24, 2019 | 10:34 IST

मीना कुमारी अपनी खूबसूरती और अदाकारी से लाखों द‍िलों पर राज करती थीं लेकिन वह धर्मेंद्र के प्‍यार में पागल थीं। जब धर्मेंद्र ने उन्‍हें सबके सामने थप्‍पड़ मारा और दूरी बना ली तो वह शराब के नशे में डूब गईं।

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Dharmendra and Meena Kumari
मुख्य बातें
  • कमाल अमरोही से अलग होकर धर्मेंद्र के करीब आ गई थीं मीना कुमारी
  • तीन साल चला था धर्मेंद्र और मीना कुमारी का अफेयर
  • फ‍िल्‍में हिट हुईं तो धर्मेंद्र ने मीना कुमार से बना ली थी दूरी

बॉलीवुड की 'ट्रेजिडी क्वीन' कही जानी वाली बेहद खूबसूरत अदाकारा मीना कुमारी अपनी खूबसूरती और अदाकारी से लाखों द‍िलों पर राज करती थीं। न जाने क‍ितने लोग उनकी एक झलक पाने को बेताब रहते थे। हर एक्‍टर और डायरेक्‍टर उनकी अदाओं का कायल था। हर कोई उनके साथ काम करना और स्‍क्रीन शेयर करना चाहता था। मीना कुमारी ने छह साल की उम्र में अभ‍िनय की दुन‍िया में कदम रख द‍िया था। उन्‍होंने 1939 में पहली बार फिल्म निर्देशक विजय भट्ट की फिल्म "लैदरफेस" में बेबी महजबीं का रोल क‍िया था। 

फ‍िर 1940 में फिल्म 'एक ही भूल' में उन्‍होंने बेबी मीना का रोल क‍िया था। 1946 में आई फिल्म बच्चों का खेल से बेबी मीना 13 साल की उम्र में मीना कुमारी बनीं और ये एक जमाने तक ह‍िंदी स‍िनेमा पर राज करने वाली मीना कुमारी जब पैदा हुई थीं तो उनके प‍िता अली बक़्श उन्हें पैदा होते ही अनाथाश्रम में छोड़ आए थे क्‍योंक‍ि उनके पास डॉक्‍टर की फीस देने के ल‍िए पैसे नहीं थे। अपने नवजात शिशु से दूर जाते-जाते पिता का दिल भर आया और तुरंत अनाथाश्रम वापस पहुंचे।

1952 में फ‍िल्‍म बैजू बावरा से मीना कुमारी का कॅर‍ियर बुलंद‍ियां पर पहुंचा। इसके बाद उन्‍होंने लगातार कई शानदार फ‍िल्‍में दी ज‍िनमें दायरा, दो बीघा जमीन, पर‍िणीता, एक ही रास्‍ता, जहां चांदनी चौक, आजाद, हलाकू, पाकीजा में उनके रोल की खूब चर्चा हुई। 31 मार्च 1972 को लंबी बीमारी के बाद मुंबई के सेंट एलिज़ाबेथ अस्पताल में उनका न‍िधन हो गया। 

1951 में फिल्म तमाशा के सेट पर मीना कुमारी की मुलाकात उस ज़माने के जाने-माने फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही से हुई और ये मुलाकातें प्‍यार में बदल गईं। दोनों ने 1952 में एक दूसरे से निकाह कर लिया। मीना कुमारी कमाल अमरोही की तीसरी पत्‍नी थीं। 1964 तक दोनों के बीच रिश्‍तों में खटास आई और दोनों अलग हो गए। कहा जाता है कि इसके बाद मीना कुमारी धर्मेंद्र के करीब आईं। धर्मेंद्र उस वक्‍त करियर की शुरुआत कर रहे थे। दोनों करीब आए तो तीन साल तक खूब इश्‍क फरमाया। 

इस दौरान मीना कुमारी ने धर्मेंद्र को कई फ‍िल्‍में दिलवाईं और जब धर्मेंद्र जम गए तो उन्‍होंने मीना कुमारी से दूरी बना ली। शो सुहाना सफर विद अनू कपूर में भी इस बात का खुलासा किया गया है मीना कुमारी धर्मेंद्र को फ‍िल्‍म में लेने के लिए प्रोड्यूसर्स के सामने शर्त रख देती थीं। मीडिया रिपोर्ट्स दावा करती हैं कि धर्मेंद्र ने एक बार मीना कुमारी को थप्‍पड़ भी मार दिया था जिससे वह बुरी तरह टूट गई थीं। फ‍िल्‍म फूल और कांटे की सफलता के बाद धर्मेंद्र के तेवर बदल गए। इसके बाद मीना कुमारी एक बार फ‍िर अकेली हो गईं। उन्‍होंने अकेलापन दूर करने को शराब का सहारा ले लिया। अधिक शराब पीने से वह बीमारीग्रस्‍त हो गईं। कहा जाता है कि उनके निधन के पीछे प्‍यार में मिली बेवफाई थी। 

मीना कुमारी का जन्‍म 1 अगस्‍त 1933 को हुआ था। फिल्म ‘पाकीजा’ के रिलीज होने के तीन हफ्ते बाद 28 मार्च, 1972 को उन्हें सेंट एलिजाबेथ के नर्सिग होम में भर्ती कराया गया। महज 39 साल की उम्र में 31 मार्च को उनका निधन हो गया। मीना कुमारी ने छह साल की उम्र में अभ‍िनय की दुन‍िया में कदम रख द‍िया था। उन्‍होंने 1939 में पहली बार फिल्म निर्देशक विजय भट्ट की फिल्म "लैदरफेस" में बेबी महजबीं का रोल क‍िया था।

महजबीं बानो ही मीना कुमारी का असली नाम था। फ‍िर 1940 में फिल्म 'एक ही भूल' में उन्‍होंने बेबी मीना का रोल क‍िया था। 1946 में आई फिल्म बच्चों का खेल से बेबी मीना 13 साल की उम्र में मीना कुमारी बनीं और ये नाम उनका हमेशा के ल‍िए हो गया। 1952 में आई फिल्म बैजू बावरा ने मीना कुमारी के फिल्मी सफर को नई उड़ान दी। फिल्म 100 हफ्तों तक परदे पर रही और 1954 में उन्हें इसके लिए पहले फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 

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