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अपार्टमेंट की सीढ़ियों के नीचे काटी रातें और फ‍िर लिख डाला सुपरहिट गाना- 'खइके पान बनारस वाला'

Updated Apr 28, 2020 | 16:54 IST

Geetkar Ki kahani Anjaan: बनारस के एक गांव से न‍िकल मुंबई पहुंच अपार्टमेंट की सीढ़ियों के नीचे कई दिनों तक रातें काटने वाले एक गीतकार ने हिंदी सिनेमा को खूबसूरत गीतों से सजा दिया।

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Lyricist Anjaan

Geetkar Ki kahani Lyricist Anjaan: बनारस के एक गांव ओदार से न‍िकल मुंबई पहुंच अपार्टमेंट की सीढ़ियों के नीचे कई दिनों तक रातें काटने वाले एक गीतकार ने हिंदी सिनेमा को खूबसूरत गीतों से सजा दिया। रात रातभर लोकल ट्रेनों का सफर करते करते उन्‍होंने ना जाने कितने पन्‍ने अपने गीतों से भरे और वह गीत जब पन्‍नों से निकले तो छा गए। 

अमिताभ बच्‍चन की फ‍िल्‍म डॉन के गाने 'खइके पान बनारस वाला' से लेकर फ‍िल्‍म मुकद्दर का सिकंदर के गाने 'दिल तो है दिन' तक, शराबी फ‍िल्‍म के गाने 'लोग कहते हैं मैं शराबी हूं' से लेकर याराना फ‍िल्‍म के गाने 'छूकर मेरे मन को...' तक, अंजान ने एक से बेहतर एक सदाबहार नगमे दिए। 

स्व. शिवनाथ पांडेय के घर 28 अक्टूबर 1930 को पैदा हुए अंजान के असली नाम से दुनिया वाक‍िफ नहीं है। फ‍िल्‍म जगत में उन्‍हें इसी नाम से पहचाना गया। हालांकि वह पैदा हुए तो उनका नाम रखा गया लालजी पांडेय। बीएचयू से एमकॉम किया और गीत लिखने लगे। दोस्‍तों को गीत सुनाते और यहीं उन्‍हें दोस्‍ती का नाम मिला अंजान। 

गायक मुकेश ने दिया हौसला
बनारस के क्‍लार्क होटल में एक संगीत कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में उस जमाने के मशहूर गायक मुकेश भी आए थे। क्‍लार्क होटल के मालिक अंजान के दोस्‍त थे और उन्‍होंने ही मुकेश से अंजान को मिलवाया। अंजान की कुछ रचनाएं सुन वह बोले- आप यहां क्‍या कर रहे हैं, आपको मुंबई में होना चाहिए। उसके बाद तो उन पर मुंबई जाने की धुन सवार हो गई। 1953 में वह पहली बार बंबई गए और वहां खर्च निकालने के ल‍िए बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगे।

लंबे समय तक चला संघर्ष 
मुंबई पहुंचने के बाद अंजान को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा। कई साल बाद 1962 में उनकी मुलाकात प्रेमनाथ से हुई, जो उस समय एक फिल्म गोलकुंडा का कैदी बना रहे थे। इस फ‍िल्‍म के ल‍िए अंजान ने एक गीत लिखा-  "प्यार की राह दिखा दुनिया को रोके जो नफ़रत आंधी ,तुममे ही कोई गौतम होगा तुममे ही कोई गांधी"। तो ऐसे उनकी गाड़ी चली और पहली कमाई मिली 500 रुपया।

ल‍िखे 1500 से ज्‍यादा गीत
अंजान ने 300 से अधिक फिल्मों के लिए 1,500 से अधिक गीत लिखे। हेरा फेरी, खून-पसीना, लावारिस, मुकद्दर का सिकंदर फिल्म के लिए उन्होंने गीत लिखे। संगीतकार कल्याणजी-आनंदजी, आर. डी. बर्मन और बप्पी लाहिड़ी के साथ उनकी लगातार जुगलबंदी के लिए याद किया जाता है। 

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