- अभिनय से लेकर निर्देशन तक में गुरु दत्त ने मनवाया था अपनी प्रतिभा का लोहा
- टेलीकॉम ऑपरेटर की नौकरी करने से तय किया था फिल्म सुपरस्टार तक का सफर
- वहीदा रहमान से नजदीकियों की खबरों के बीच शादीशुदा जिंदगी में आ गई थी दरार
मुंबई: भारतीय सिनेमा में गुरु दत्त का नाम बहुमुखी प्रतिभा वाले शानदार कलाकारों में शुमार किया जाता है। उन्होंने फिल्म जगत में कोरियोग्राफी, निर्देश और अभिनय तीनों में अपनी काबिलियत को साबित किया था। उनका जन्म 9 जुलाई 1925 को बेंगलुरु में हुआ। कई अभिनेताओं की तरह गुरुदत्त ने भी फिल्म जगत में आकर अपना नाम बदला था। उनका असली नाम वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण था और उनकी जिंदगी कई सारे उतार चढ़ाव से होकर गुजरी।
जीवन में कई सफलताएं हासिल करने के बावजूद उनका अंत काफी दुखद रहा। शादीशुदा जिंदगी में एक अभिनेत्री के आ जाने के बाद गुरु दत्त का जीवन में दरार आ गई थी। उनका बचपन कई तरह की आर्थिक परेशानियों से होकर गुजरा और बड़ी मुश्किल से पढ़ाई हो सकी। उन्होंने कोलकाता में टेलीकॉम ऑपरेटर की नौकरी की थी और बाद में वह लौटकर अपने माता पिता के पास मुंबई आ गए थे।
प्रभात फिल्म कंपनी में अपनी चाचा की मदद से नौकरी हासिल करने के बाद फिल्मों से गुरुदत्त का सरोकार होना शुरु हुआ। यहां उनकी मुलाकात देव आनंदर से हुई और मुंबई लौटकर फिल्म बनाने और एक्टिंग के क्षेत्र में उन्होंने शुरुआत की
गीता से मुलाकात: गुरुदत्त की गीता से मुलाकात फिल्म 'बाजी' के दौरान हुई और उस समय गीता रॉय एक गायिका के रूप में मशहूर हो चुकी थीं। वह अपनी गाड़ी से गुरुदत्त से मिलने उनके माटुंगा वाले फ्लैट पर आती थीं और कई बार तो रसोई में सब्जी काटने बैठ जाती थीं। अपने घर से गीता यह कहकर निकलती थीं कि वो गुरु दत्त की बहन से मिलने के लिए जा रही हैं। दोनों का प्यार परवान चढ़ता रहा और 1953 में गुरु दत्त और गीता रॉय की शादी हो गई।
वहीदा रहमान को लेकर आईं दूरियां: शादीशुदा जिंदगी अच्छी चल रही थी कि इसी दौरान दोनों के बीच दरार आनी शुरु हुई। इसकी वजह वहीदा रहमान को बताया जाता है। दोनों के बीच नजदीकियों की खबरें थीं और इसी दौरान गुरु दत्त को वहीदा के नाम से एक पत्र मिला, जिसमें उनसे मुलाकात के लिए कहा गया था। गुरु दत्त को इस पर शक हुआ और वह अपने दोस्त के साथ मौके पर पहुंचे, यहां उनकी पत्नी अपनी किसी दोसत के साथ मौजूद थीं। घर आकर दोनों के बीच जबरदस्त झगड़ा हुआ।
जब गुरु दत्त ने उठाया आत्मघाती कदम: गुरु दत्त और गीता में दूरियां बढ़ती गईं, पत्नी ने गुरु दत्त को बेटी से मिलाने से इनकार कर दिया और इस दौरान वह लगातार शराब की लत में डूबते चले गए और उनकी तबीयत भी खराब रहने लगी। एक दिन गिलास में पीसकर नींद की गोलियां खाकर गुरु दत्त ने सुसाइड कर लिया।