- अनिल कपूर-श्रीदेवी की मिस्टर इंडिया फिल्म को पूरे हुए 34 साल।
- बोनी कपूर से श्रीदेवी का पीछा छुड़ाना चाहती थीं मां, मिस्टर इंडिया फिल्म के लिए मांगी थी डबल फीस।
- उम्मीद से ज्यादा रकम देकर बोनी कपूर ने जीत लिया था अभिनेत्री की मां का दिल।
मुंबई: श्रीदेवी और बोनी कपूर की नजदीकियां पहली नजर का प्यार नहीं थीं। जीतेंद्र से लेकर मिथुन चक्रवर्ती तक बॉलीवुड के कई शीर्ष अभिनेताओं से श्रीदेवी के अफेयर की खबरें आईं लेकिन अभिनेत्री ने अंत में बोनी कपूर को अपना जीवन साथी चुना। उनका यह फैसला पूरी इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा सरप्राइज था। बोनी कपूर से शादी करने वाली दिग्गज अभिनेत्री ने 1996 में शादी की थी।
उन्होंने एक बहुत ही खुशहाल रिश्ता निभाया। दरअसल श्रीदेवी अपने प्रोड्यूसर पति से उनकी एक फिल्म 'मिस्टर इंडिया' के सेट पर मिली थीं। आज अनिल कपूर और श्रीदेवी की मिस्टर इंडिया फिल्म की रिलीज को 34 साल पूरे हो गए हैं।
बोनी कपूर के साथ अपनी उसी मुलाकात को याद करते हुए, श्रीदेवी ने पहले एक साक्षात्कार में कहा था, 'मैं चेन्नई में शूटिंग कर रही थी, जब बोनी जी ने पहली बार मुझसे संपर्क किया और अपनी आगामी फिल्म मिस्टर इंडिया के लिए मुझे साइन करने की इच्छा जताई।
एक अंतर्मुखी व्यक्ति होने के नाते मैंने बस सिर हिलाया और उन्हें मेरी मां से मिलने के लिए कहा, जो मेरे फिल्म असाइनमेंट को संभालती थी। निर्माता ने तुरंत एक्ट्रेस की मां से सलाह ली, जो सेट पर पास में बैठी थीं। श्रीदेवी ने कहा था, 'मेरी मां ने उनका उत्साह कम करने और उनसे छुटकारा पाने के लिए मेरी फीस के रूप में 10 लाख रुपए (लगभग दोगुना) की एक बड़ी राशि की मांग की। हालांकि, वह तब हैरान रह गईं जब बोनीजी ने उन्हें 11 लाख रुपए का चेक देने की पेशकश की, इस प्रकार उन्होंने मेरी मां का दिल जीत लिया।'
बाद में, जब अभिनेत्री शूटिं में आई तो बोनी ने सुनिश्चित किया कि उनके साथ एक राजकुमारी की तरह व्यवहार किया जाए। धीरे-धीरे इस व्यवहार और शिष्ट स्वभाव से उनका दिल जीत लिया। उन दिनों कोई वैनिटी वैन नहीं थी, लेकिन बोनी कपूर श्रीदेवी के लिए खास तौर पर एक वैनिटी वैन लाए थे। उनकी छोटी-छोटी जरूरतों का ख्याल रखने के लिए वह हमेशा आसपास रहते थे।
करीब आने के बारे में बात करते हुए श्रीदेवी ने कहा था, 'मैं बोनीजी के काफी देर से करीब आई, जब मैंने उन्हें एक सच्चे इंसान के रूप में देखा। जब चांदनी फिल्म के निर्माण के दौरान मेरी मां की मौत हुई तो मैं उनके कंधे पर सिर रखकर रोई। बाद में मेरे पिता की मृत्यु के समय भी वह मेरे करीब थे। इस प्रकार, धीरे-धीरे मुझे एहसास हुआ कि मेरी किस्मत में मिसेज बोनी कपूर बनना तय है।'