- इरफान खान अपनी लाइफ में ओशो से काफी ज्यादा प्रभावित थे।
- साल 2018 में इरफान खान ओशो के आश्रम में आए थे।
- इरफान खान ओशो को काफी गहराई से पढ़ा करते थे।
मुंबई. इरफान खान अब हमारे बीच नहीं रहे। इरफान खान अपनी लाइफ में वेटरन एक्टर विनोद खन्ना से काफी प्रभावित थे। यही नहीं, विनोद खन्ना की तरह ही इरफान खान ओशो को काफी मानते थे। साल 2018 में वह ओशो के पुणे स्थित मेडिटेशन रिजॉर्ट में आए थे।
साल 2018 में ओशो टाइम्स की एडिटर मां अमृत साधना ने कहा था कि मुंबई में शूटिंग के बीच थोड़ा वक्त निकालकर वे एक दिन अचानक पुणे पहुंचे थे। इस दौरान वह पूरे एक दिन ओशो गेस्ट हाउस में रहे थे।
अमृता साधना ने बताया कि- 'इरफान खान ओशो को काफी गहराई से पढ़ा करते थे। उन्होंने एक बार खुद मुझसे कहा था कि एक वक्त था जब मैं ओशो का दीवाना था। ओशो की जो किताब हाथ में आए उसे पढ़ता था।'
जाते वक्त कही थी ये बात
अमृता के मुताबिक इरफान खान रात के सन्नाटे में रिजॉर्ट में मौजूद बुद्ध की कई मूर्तियों के पास बैठे रहे थे। उन्होंने जाते वक्त यह भी कहा था कि यहां पर कुछ स्थान ऐसे हैं जो चुंबकीय हैं। वो इस तरह आपको खींचते हैं मानो उनमें कोई रहस्य छुपा हो।
इरफान ने इस आश्रम से निकलने के बाद एक लेटर भी लिखा था। इरफान ने लिखा- 'मैं ओशो के आश्रम में पहली बार रहा। यहां रहने का एक्सपीरियंस कुछ ऐसा था जैसे मैं पहली बार मुंबई आया था। मैंने पहली बार समुद्र देखा था।
सुपुर्द-ए-खाक हुए इरफान खान
इरफान आगे लिखते हैं- 'मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे मेडिटेशन रिजार्ट एक ऐसी पाठशाला है जहां इंसान खुद के बारे में सीख सके। यह एक उपजाऊ जमीन है, जहां पर आपके अंदर बीज बोया जाता है। आप इसके अंकुरित होने का इंतजार कर सकते हैं।'
इरफान खान को आज तीन बजे मुंबई में वर्सोवा के यारी रोड स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया था। आपको बता दें कि बीते दिनों पेट में तकलीफ के कारण इरफान को कोकिला धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती किया गया था।